Chhath Puja 2025:लोक आस्था का महापर्व छठ कल से, जानिये क्यों की जाती है सूर्य और छठी मैया की उपासना?

Friday, Oct 24, 2025-07:18 PM (IST)

Chhath Puja 2025: लोक आस्था का पर्व छठ पूजा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह अनुशासन, आस्था और आत्मसंयम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु छठी मैया और सूर्य देव की उपासना करते हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और देशभर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

कब मनाई जाएगी छठ पूजा 2025?

इस साल छठ पूजा 25 अक्टूबर (शनिवार) से आरंभ होगी और 28 अक्टूबर (मंगलवार) को ऊषा अर्घ्य के साथ संपन्न होगी। यह चार दिवसीय पर्व निम्न क्रम में मनाया जाता है –

  • 1️⃣ पहला दिन – नहाय खाय (Nahay Khay 2025)
  • 2️⃣ दूसरा दिन – खरना (Kharna 2025)
  • 3️⃣ तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya 2025)
  • 4️⃣ चौथा दिन – उषा अर्घ्य (Usha Arghya 2025)

 कैसे मनाई जाती है छठ पूजा?

पहले दिन व्रती स्नान कर घर की शुद्धि करते हैं और सात्त्विक भोजन ग्रहण करते हैं।
दूसरे दिन खरना पर व्रती सूर्य देव को गुड़, दूध और चावल से बने प्रसाद का भोग लगाते हैं और निर्जला व्रत की शुरुआत करते हैं।
तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत का समापन होता है।

इस दौरान व्रती महिलाएं बिना पानी पिए व्रत रखती हैं — यह आत्मसंयम और भक्ति का सर्वोच्च प्रतीक है।
इस पर्व में ठेकुआ, सूप, केला, गन्ना, और कद्दू-भात जैसे पारंपरिक प्रसाद का विशेष महत्व होता है।

क्यों की जाती है छठ पूजा?

छठ पूजा का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है। सूर्य को ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना गया है। यह पूजा हमें सिखाती है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य, अनुशासन और कृतज्ञता जीवन की असली शक्ति हैं। भले ही समय बदल गया हो, लेकिन छठ का संदेश आज भी वैसा ही है —"जहां आस्था है, वहीं अनुशासन और पवित्रता है।"


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Ramanjot

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