Lakhisarai News: गांधी मैदान में स्थित मुख्य मंच से हुआ राज्य स्तरीय युवा उत्सव 2024 के दूसरे दिन का शुभारंभ

Sunday, Dec 01, 2024-06:38 PM (IST)

लखीसराय: राज्य स्तरीय युवा उत्सव, 2024 के दूसरे दिन का शुभारंभ गांधी मैदान में स्थित मुख्य मंच से हुआ। आज का आयोजन चार स्थानों पर संपादित हुआ। गांधी मैदान स्थित मुख्य मंच में समूह गायन और खेल भवन के द्वितीय तल के कांफ्रेंस हॉल में हस्तशिल्प, टेक्सटाइल और एग्रो प्रोडक्ट पर आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। वहीं अशोक अकादमी के प्रेक्षागृह में एकल लोक गायन और संग्रहालय प्रेक्षागृह में शास्त्रीय गायन का आयोजन किया गया। दूसरी ओर गांधी मैदान में लगे स्टॉल पर राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें बिहार के सभी जिलों के प्रतिभागियों ने अपने उत्कृष्ट निर्माणों को प्रस्तुत किया।

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गांधी मैदान में आयोजित स्टॉल पर विज्ञान प्रदर्शनी का किया गया आयोजन 
खेल भवन के द्वितीय तल पर स्थित कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रतियोगिता में हस्तशिल्प, टेक्सटाइल और एग्रो प्रोडक्ट पर आधारित कलाकृतियों की प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिनके निर्णायक मंडल में फिरंगी लाल गुप्ता और रामचंद्र राम थे। हस्तशिल्प में 20 प्रतिभागियों ने, टेक्सटाइल में चार और एग्रो प्रोडक्ट में तीन प्रतिभागियों ने भाग लिया। वहीं दूसरी ओर गांधी मैदान में आयोजित स्टॉल पर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। बक्सर जिला के गवर्नमेंट कॉलेज आफ इंजीनियरिंग से दो प्रतिभागियों ने विज्ञान प्रदर्शनी में फायर फाइटिंग रोबोट और सुपौल जिला के सुपौल कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग के दो बच्चों ने वूमेन सेफ्टी  स्मार्ट शू का प्रदर्शन किया। वहीं शेखपुरा जिला के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज शेखपुरा से एयर पॉल्यूशन कनवर्टर का प्रदर्शन किया गया, जबकि मुजफ्फरपुर जिला के प्रतिभागियों ने रोड एक्सीडेंट प्रिवेंशन पर अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया। वैशाली जिला से गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों ने एग्री हेल्पर का निर्माण किया था।‌ मुंगेर जिला से गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज मुंगेर के तीन बच्चों ने सेव द फार्मर, इंक्रीज द क्रॉप विषय पर अपना प्रदर्शन किया।

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जमुई जिला से गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों ने अपना मिनी थ्री डी प्रिंटर पर प्रदर्शनी रखा। खगड़िया जिला से उच्च विद्यालय खगडि़या के बच्चों ने इथेनाइक सुपर फ्यूल बनाने का मोडल प्रदर्शित किया। वही, अरवल जिला के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का निर्माण किया गया। गया जिला के जीसीएफ गया गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से बेस्ट स्मार्ट गार्बेज सिस्टम का निर्माण किया गया था। अरवल जिला के इंजीनियरिंग कॉलेज से प्लास्टिक फ्यूल का निर्माण किया गया। इसी तरह पूर्णिया जिला से पूर्णिया कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के बच्चों ने एक्सीडेंट डिटेक्शन एन्ड अलर्ट सिस्टम का निर्माण किया गया। गवर्नमेंट कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज कटिहार से मखाना पापिंग मशीन का निर्माण किया गया। मधेपुरा बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज से ट्रैफिक पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम का निर्माण किया गया। सहरसा इंजीनियरिंग कॉलेज से लेजर लाइट फील्ड एन्ड होम सिक्योरिटी सिस्टम का निर्माण किया गया। वही अररिया से श्री फणीश्वर नाथ रेणु इंजीनियरिंग कॉलेज से डायनेमिक वॉयरलैस पावर ट्रांसफर डीडब्ल्यूपीटी फॉर इलेक्ट्रिकल व्हीकल निर्माण का प्रदर्श प्रस्तुत किया गया। मधुवनी इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटेड थ्रू स्पीड ब्रेकर फ्रॉम स्प्रिंग मेकैनिज्म का प्रदर्शन किया गया और हेल्दी इटिंग ट्रैकर सोफ्टवेयर  का मॉडल प्रस्तुत  किया गया। सिवान जिला के इंजीनियरिंग कॉलेज सिवान से रेन डिटेक्टर अलार्म का प्रदर्श प्रस्तुत  किया गया।

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वही, समस्तीपुर के बच्चों ने एन्टी स्लिप ग्लास का प्रदर्श प्रस्तुत किया। नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज चंडी के बच्चों ने फायर फाइटिंग रोबोट का निर्माण प्रस्तुत  किया। गवर्नमेंट कॉलेज लखीसराय के बच्चों ने वायरलेस चार्जिंग स्टेशन फोर इलेक्ट्रिक व्हीकल का प्रदर्श  प्रस्तुत किया ।गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज शिवहर के बच्चों ने मल्टीपर्पस क्वाड कोप्टर पर प्रदर्श प्रस्तुत  किया गया । सारण के एल एम जे पी ए टी छपरा के बच्चों ने प्रोजेक्ट एग्री बाजार एप  तथा  डिजिटल वेडिंग कार्ड का प्रदर्श प्रस्तुत  किया । बेगूसराय के  रामधारी सिंह दिनकर इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों ने सेंटिनल केयर पर प्रदर्श प्रस्तुत  किया  ।भोजपुर के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों ने लाइफ सेवर हेलमेट का प्रदर्श प्रस्तुत किया ।वही बांका के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों ने स्मार्ट ज़ेबरा क्रॉसिंग विथ स्मार्ट  ब्रेकर का प्रदर्श प्रस्तुत किया । कैमूर के गवर्नमेंट कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के बच्चों ने ऑटोमेटिक होम अप्लायंस कंट्रोल विथ जीएसएम माड्यूल का प्रदर्श प्रस्तुत  किया। नवादा इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों ने फुट स्टॉप पावर जनरेटर पीजो इलेक्ट्रिक इफेक्ट्स पर अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया। इस विज्ञान प्रदर्शनी के निर्णायक मंडल में डा विमलेश कुमार प्राचार्य जी ई सी लखीसराय, डा राजेश कुमार प्राचार्य पोलिटेक्निक कालेज लखीसराय, अभिजीत राज एवं कुमार  गौरव सहायक प्राध्यापक प्रतिनियुक्त बी आइ आर एस ए सी पटना शामिल हैं।

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गांधी मैदान में स्थित मुख्य मंच से समूह लोक गायन की प्रस्तुति हुई। निर्णायक मंडल में डॉक्टर मनोहर गोपाल संगीत व्याख्याता बेगूसराय और मनोरंजन ओझा भारतीय नृत्य कला मंदिर के लोकगीत शिक्षक जो बिहार कला सम्मान से सम्मानित है,  शामिल थे। उदघोषिका सोमा चक्रवर्ती द्वारा सर्वप्रथम सारे प्रतिभागियों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नियमों से अवगत कराया गया। इसमें बताया गया कि एक दल में संगीत पक्ष सहित अधिकतम 10 प्रतिभागी हो सकते हैं। वहीं गायकी में भारतीय गीत परंपरा के लोकगीतों का गायन किया जाना है। अन्य किसी भी तरह का फिल्मी गीत प्रतिबंधित होगा।  किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग नहीं किया जाएगा। मंच व्यवस्था के लिए एक प्रतिभागी जिला को 5 मिनट और प्रस्तुति के लिए 7 मिनट का समय दिया गया। निर्णायक मंडल द्वारा स्पष्ट कर दिया गया की प्रस्तुति में गायकी की गुणवत्ता, रूप सज्जा, वेशभूषा, अंग संचालन आदि पर ध्यान दिया जाएगा और गीतों का मिश्रण मान्य नहीं होगा।

राज्य भर के युवा सहभागियों और जिले के विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चों से भरे पंडाल में बारी बारी से अलग-अलग जिलों की प्रस्तुति हुई जो निम्नवत है। समस्तीपुर जिला से कन्यादान विषय से संबंधित मैथिली गीत की प्रस्तुति की गई। इसके बोल थे -
गेठिया जुडाई बाबा बैसल मंडपवा,
बाबा करे कन्यादान हो ...।
उसके बाद औरंगाबाद जिले से होली लोक गीत की प्रस्तुति की गई जिसके बोल थे - ब्रज में बसी है ...।
उसके बाद अरवल जिले से समूह गायन की प्रस्तुति की गई जिसके बोल थे - बीतते फगुनवा चैत चढ़ लै गे
जियरा में उठे ले हिलोर ए राजा जी।
वहीं गया जिला की ओर से झूमर की प्रस्तुति हुई जिसके बोल थे -
लाली लगी रे लाल लाली चुनरिया।
शेखपुरा जिला से "बन ठन पोखरवा पे आइले हो बाबा ...!"  लोक गीत की प्रस्तुति की गई।
बांका जिले की प्रस्तुति थी  "जिद करके न जाइयो शहर बलमा ...।
बक्सर की ओर से समूह गीत की प्रस्तुति हुई जिसके बोल थे - पनिया लाले लाल हो, गौरा हमरो के चाही ...।
इसके बाद मधेपुरा जिला से कृषि पर आधारित लोकगीत की प्रस्तुति हुई जिसके बोल थे - खेतों में झूम रही बलिया ये धान की, छमक छमक छमके बेटी किसान की प्रस्तुति ने सब का मन मोह लिया।  वहीं वैशाली जिला की ओर से "आजू जनकपुर में मड़वा
 बड़ सुहावन लागे हो।
सीता के चढ़े ले हरदीया
बड़ सुहावन लागे हो।
गीत की प्रस्तुति की गई।

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सारण जिला से पिया बिन भावे ने भवनवा हो राम चाहे तो महिमा की प्रस्तुति की गई। पूर्णिया से मोर भंगिया रुसल जाए बौरहवा रुसल जाए गौरी दौड़ी-दौड़ी कहिथिन मोर भंगिया रुसल जाए इसके बाद खगड़िया जिले से लोकगीत की प्रस्तुति की गई। वहीं पटना जिला से महेंद्र मिश्रा द्वारा लिखित पूर्वी की प्रस्तुति की गई आधी-आधी रतिया के कुहूके कोयलिया हो राम इसके बाद जमुई जिले से समूह लोग जीत की प्रस्तुति की गई। फिर शिवहर से कोयल बिना बगिया ना बोले राजा लोकगीत की प्रस्तुति हुई। वहीं भोजपुर जिले से पारंपरिक संस्कार गीत चुटकी सिंदूरा महंग भले चुनरी पहले अनमोल गीत की प्रस्तुति की गई। उसके बाद मुजफ्फरपुर जिले की प्रस्तुति हुई, फिर कैमूर से लोकगीत की प्रस्तुति जिसके बोल थे गोरिया कइके सिंगार अंगना में पिसले हरदिया फिर जहानाबाद से लोकगीत की स्थिति भी जिसके बोल हैं ए सजनी ए सजनी पियवा गेले कलकतवा ए सजनी उसके बाद कटिहार जिले की प्रस्तुति की गई। सभी तरह के प्रतियोगिताओं का परिणाम कल घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र विजेताओं को मोमेंटो एवं शील्ड इत्यादि दिया जाएगा।


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Content Editor

Swati Sharma

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