''दीदी की नर्सरी’ के पौधों से बिहार की धरा में आ रही हरियाली, समृद्ध हो रहीं जीविका दीदियां

Saturday, Jan 25, 2025-11:08 AM (IST)

पटना: स्वावलंबी होकर अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली जीविका दीदियां अब पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। दीदी की नर्सरी के पौधे से बिहार की धरा में हरियाली आ रही है, वहीं दीदियों के घरों में भी समृद्धि के द्वार खुल रहे हैं। स्वरोजगार के अवसर बढ़ने से हरियाली को भी बढ़ावा मिल रही है।

दीदियों के द्वारा नर्सरी जो चलायी जा रही हैं, उनसे वन विभाग एवं मनरेगा के द्वारा पौधे की खरीदारी किए जाने का प्रावधान है। जीविका दीदी को हर संभव मदद भी किया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार द्वारा जीविका दीदियों के पौधों को खरीदा जाएगा। इस तरह उन्हें स्वरोजगार का अवसर भी प्राप्त होगा। पोषण, सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा भी पूरा किया जा सकेगा। पहले बिहार में पौधारोपण के लिए दूसरे राज्यों से पौधा मंगाने से उसकी खरीद महंगी होती है और दूर से आने पर रास्ते के हिचकोले में पौधा मर जाता है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने से सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण होगा, जिससे हरित आवरण का लक्ष्य को ससमय पूरा किया जा सकेगा।

दीदी की नर्सरी से स्वरोजगार के अवसर तो मिल ही रहें हैं हरियाली आच्छादन कार्यक्रम को भी इससे सफलता मिलेगी। अब दूसरे राज्यों से पौधे की खरीदारी के लिए निर्भरता समाप्त हो जाएगी। जीविका दीदियों के द्वारा नर्सरी में फूल का पौधा लगाने का कार्य कर रही हैं, इससे स्वावलंबी होने के साथ ही बिहार में विकास की इबारत लिख रही हैं। 


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Content Editor

Harman

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