सतत जीविकोपार्जन योजना से बदल रही बिहार की तस्वीर: अमृत लाल मीणा ने बताया गरीबी उन्मूलन का मॉडल
Thursday, Jul 31, 2025-08:04 PM (IST)

पटना:बिहार सरकार के जीविका, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आज पटना स्थित सचिवालय भवन में डिब्रीफिंग सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र श्रीलंका सरकार के ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा और सामुदायिक सशक्तिकरण मंत्रालय और एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित इमर्सन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ।
सत्र का शुभारंभ जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं सतत जीविकोपार्जन योजना के उद्देश्यों तथा इसके तहत बिहार राज्य में गरीबी उन्मूलन के लिए किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका और एशियन डेवलपमेंट बैंक के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बिहार सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन हेतु संचालित सतत् जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम के तहत गया जिला का दौरा किया गया। इस दौरान उन्होंने इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों द्वारा अपनाये गए जीविकोपार्जन के उपक्रमों को देखा और अनुभव प्राप्त किया।
सत्र को संबोधित करते हुए एच.टी.आर.एन. पियासेन, अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण विकास, सामाजिक सुरक्षा और सामुदायिक सशक्तिकरण मंत्रालय, श्रीलंका सरकार ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के क्रियान्यवयन और इसके जमीनी स्तर के प्रभाव को सराहते हुए अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने इस यात्रा के आयोजन के लिए जीविका के प्रति आभार व्यक्त किया। पियासेन ने एस.जे.वाई. के बारे में मुख्य विशेषताओं और सीखों को सूचीबद्ध किया जो श्रीलंका में गरीबी के मुद्दे को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने श्रीलंका सरकार द्वारा संचालित सतत जीविकोपार्जन योजना के समरूप योजना के बारे में भी बताया।
इस दौरान लोकेश कुमार सिंह, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में चल रही सतत जीविकोपार्जन योजना ने लाखों गरीब परिवारों के जीवन में परिवर्तन लाया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि श्रीलंका जैसे मित्र राष्ट्र इस मॉडल को समझने और सीखने की इच्छा रखते हैं। हमें उम्मीद है कि यह अनुभव दो देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा तथा वैश्विक पटल से गरीबी उन्मूलन में भी सहायक होगा।
ततपश्चात्, सत्र का संबोधन प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त, बिहार के द्वारा किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में सभी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीलंका सांस्कृतिक रूप से बिहार राज्य के समरूप है। उन्होंने कहा कि जीविका ने सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर खड़े परिवारों को सशक्त बनाने का जो कार्य किया है वह उल्लेखनीय है। जीविका का यह मॉडल महिलाओं की सामूहिक शक्ति, पारदर्शिता और सहभागिता पर आधारित है। श्रीलंका सरकार के साथ यह साझा अनुभव हमें वैश्विक स्तर पर स्थानीय नवाचारों को प्रस्तुत करने का अवसर देता है। उन्होंने बताया की श्रीलंका के सामुदायिक पेशेवर भी बिहार आकर यहाँ के कार्य शैली को देख सकती हैं।
अमृत लाल मीणा, मुख्य सचिव, बिहार ने लंका के सरकार के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अत्यधिक गरीब परिवारों को विकास के रास्ते से जोड़ने के लिए 2018 में शुरू की गई बिहार सरकार की "सतत् जीविकोपार्जन योजना" की यात्रा पर प्रकाश डाला, जिससे बिहार में अबतक 2.1 लाख परिवारों को लाभ हुआ है। इस योजना के तहत गरीबी उन्मूलन में हुए मुख्य कार्यों की सफलता ने इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई है। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक सहायता हेतु सरकार ने ‘जीविका निधि’ नाम से एक सहकारी संघ का निर्माण भी किया है। बिहार में अभी वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का भी उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री ने किया है जो संभवतः दोनो देशों को के लिए गरिमा का कार्य है।
इस सफल सत्र के अंत में राजेश कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी, जीविका ने सभी का धन्यवाद् ज्ञापन करते हुए कहा कि बुद्ध श्रीलंका और भारत को जोड़ते हैं उसी प्रकार सतत जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से दोनो देश गरीबी के विरुद्ध इस लड़ाई में एक होकर कार्य करेंगे। यहाँ के लोग श्रीलंका जाकर इस तरह के कार्यक्रम के क्रियान्वयन में सहयोग और श्रीलंका के लोग यहाँ आकर भी सिख सकते हैं।
गौरतलब है कि इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम जीविका, ब्रॉक (BRAC) इंटरनेशनल और बंधन कोन्नगर के द्वारा संयुक्त रूप से समन्वित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से विभिन्न देशों और भारत के अन्य राज्य से प्रतिनिधि सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत हो रहे कार्यों को देखने और गरीबी उन्मूलन के बारे में सीखने हेतु इमर्शन एंड लर्निंग केन्द्रों का दौरा करते हैं। इसके तहत बिहार सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक “सतत जीविकोपार्जन योजना (एसजेवाई) की प्रक्रिया, पहुंच और प्रभाव के विस्तार पर जोर दिया जाता है। अबतक. कार्यक्रम के तहत इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका और इथियोपिया के प्रतिनिधियों ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के बारे में जानने और अपने-अपने देशों में इसी तरह के कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए बिहार का दौरा किया है।