"छात्र-छात्राएं अपनी मेधा का उपयोग समाज के हित में करें", सम्मान समारोह में बोले राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर

Sunday, Jul 14, 2024-08:37 AM (IST)

पटना: बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी मेधा का उपयोग समाज के हित में करें तथा समाज के निचले स्तर के लोगों के उत्थान के लिए प्रयास करें। आर्लेकर ने शनिवार को बिहार विधान परिषद सभागार में ‘अवसर' ट्रस्ट के मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मानित होने वाले बच्चे काफी मेधावी और प्रतिभाशाली हैं और उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि वे अपनी मेधा का उपयोग समाज के हित में करें तथा समाज के निचले स्तर के लोगों के उत्थान के लिए प्रयास करें। वे समाज के सहयोग से ही सफल हुए हैं। 

"मेधा और परिश्रम से वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा भारत"
राज्यपाल ने उन बच्चों से कहा कि वे समाज के लिए कार्य करते रहें। कर्म करते रहना हमारा अधिकार है। हमारे कार्य की ओर किसी की द्दष्टि जाए या नहीं लेकिन ईश्वर उसे देखते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की उक्ति का उद्धरण देते हुए कहा कि उनकी पूरी प्रतिभा समाज के लिए है। आर्लेकर ने कहा कि वे चाहे सफलता की जिस ऊंचाई तक पहुंच जाएं लेकिन अपने माता-पिता, अभिभावक और परिवार को कभी मत भूलें। अभिभावक स्वयं अभाव में रहकर बच्चों को उनकी जरूरतें पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि मेधा की अनदेखी नहीं की जा सकती है। आनेवाला समय हमारे बच्चों और युवाओं का है। उनकी मेधा और परिश्रम से वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। 

"बच्चे हमारे राज्य एवं देश की संपत्ति"
उल्लेखनीय है कि इन बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और वे अवसर ट्रस्ट के सहयोग से आईआईटी जैसे उच्चस्तरीय संस्थानों के लिए चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये बच्चे हमारे राज्य एवं देश की संपत्ति हैं तथा अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं। कार्यक्रम को बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. सी. सिन्हा, राज्यसभा के पूर्व सदस्य एवं अवसर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. आर. के. सिन्हा एवं निदेशक रजनीकांत श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अवसर ट्रस्ट के सीईओ इंजीनियर अनुरंजन श्रीवास्तव, बीडी कॉलेज, पटना के पूर्व प्राचार्य डॉ. निर्मल कुमार श्रीवास्तव, विद्यार्थी, अभिभावक तथा अन्य लोग उपस्थित थे।


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Ramanjot

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