खेलो इंडिया 2025: भागलपुर के शुभम कुमार को खिताबी हार का मलाल, लेकिन हौसलों में नहीं कोई कमी
Wednesday, May 07, 2025-06:00 PM (IST)

भागलपुर: खेलो इंडिया एथलीट शुभम कुमार को अपने राज्य बिहार की मेजबानी में हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में अपना खिताब नहीं बचाने का मलाल है। लेकिन इससे उनके हौसले पस्त नहीं हुए हैं। यह तीरंदाज अब और अधिक तैयारी तथा मेहनत के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए दृढ़ संकल्प है।
बिहार के आरा जिले के निवासी शुभम कुमार सैंडिस कंपाउंड में जारी तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता में अपना खिताब बचाने से चूक गए। प्रतियोगिता के पहले दिन शुभम को दोनों हाफ में 309 अंकों के स्कोर के साथ 16 में से 14वें स्थान से संतोष करना पड़ा। अपने इस प्रदर्शन से वह काफी निराश दिखे। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी दोहराया कि यहां खिताब से चूकने के बाद वह इंटरनेशनल स्तर पर अपने देश का नाम रौशन करने के लिए पूरा दमखम लगा देंगे।
शुभम कुमार ने पिछले साल तमिलनाडु में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2024 में रिकर्व तीरंदाजी में क्वालीफाइंग दौर में 11वें स्थान पर रहने के बावजूद स्वर्ण पदक जीता था। शुभम की उपलब्धियां इसलिए भी ज्यादा मायने रखती है क्योंकि अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने से करीब तीन साल पहले ही उन्होंने तीरंदाजी शुरू की थी और डेढ़ साल पहले रिकर्व से शुरुआत की थी।
पूर्व चैंपियन शुभम अब यूथ इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए 22 मई को पुणे में आयोजित ट्रॉयल्स में हिस्सा लेंगे। युवा तीरंदाज ने साई मीडिया से कहा,'' अपने घर में खिताब जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है और मेरा भी था, खासकर तब जब आपके राज्य में पहली बार इस तरह के खेलों का आयोजन हो रहा हो और आप इसे यादगार बनाना चाहते हो।'
'
उन्होंने कहा, '' मैंने इस दिन के लिए कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग की थी। लेकिन आज मेरा दिन नहीं था। हालांकि मुझे खुशी है कि मैंने अपना श्रेष्ठ दिया। इस बार हम नेशनल लेवल पर चैंपियन नहीं बन पाए, लेकिन अब हम इंटरनेशनल लेवल पर देश का नाम रौशन करेंगे। अब हमारा सारा ध्यान उसी पर है। ''
17 साल के शुभम आरा में एक मल्टी स्पोर्ट फेसिलिटी में स्थित एक छोटी तीरंदाजी अकादमी में कोच नीरज कुमार सिंह के अधीन प्रशिक्षण लेते हैं। उन्होंने नवंबर 2024 में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) में व्यक्तिगत रिकर्व तीरंदाजी में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा उसी साल एसजीएफआई में ही टीम स्पर्धा में कांस्य पर अपने नाम किया था। वह पिछले साल तक नेशनल लेवल तक टॉप-8 तीरंदाजों में बने हुए थे।
बिहार के 'लाल' शुभम का भाई धीरज काफी पहले ही तीरंदाजी में अपने राज्य को कई मेडल दिलवा चुके हैं। धीरज कुमार अपने करियर में अब तक 5 नेशनल मेडल जीत चुके हैं और शुभम भी अपने भाई को देखकर ही तीर चलाना सीखें हैं।
उन्होंने कहा,'' मुझसे पहले मेरे भाई धीरज कुमार 5 नेशनल मेडल जीत चुके हैं। मैंने उन्हीं को देखकर तीरंदाजी में आने का फैसला किया। शुरुआत में इसमें थोड़ा मुश्किल था, लेकिन जैसे-जैसे मैंने प्रैक्टिस और ट्रेनिंग करना शुरू किया तो फिर मेरे लिए यह काफी आसान हो गया।''
पिछले साल तमिलनाडु में स्वर्ण जीतने के अलावा शुभम सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे थे। इस प्रतियोगिता के टॉप-8 एथलीटों को कोरिया ले जाया गया था, जहां उन्हें हाई लेवल की ट्रेनिंग दी गई थी। शुभम भी अन्य खिलाड़ियों की तरह की सोनीपत स्थित ‘साइ’ केंद्र के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ में ट्रेनिंग करते हैं।
12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे शुभम कुमार को खेलो इंडिया स्कीम के तहत स्कॉलरशिप भी मिलता है। यह पूछे जाने पर कि स्कॉलरशिप से मिलने वाली इन पैसों को आप कहां खर्च करते हैं? तो उन्होंने कहा, '' मैं इन पूरी राशि को अपने खेलों के ऊपर ही खर्च करता हूं क्योंकि पढ़ाई के लिए घर वाले पैसे देते ही हैं। इससे मुझे अपने खेलों पर अधिक ध्यान देने में मदद मिलती है।''