समाधान यात्रा… CM नीतीश ने कटिहार जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद, कहा- पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं

2/6/2023 1:13:16 AM

पटना: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) रविवार को समाधान यात्रा (Samadhan Yatra) के क्रम में कटिहार जिले की जीविका दीदियों (Jeevika didis) के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र में आयोजित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
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जीविका दीदी नीतू कुमारी ने बताया कि हमारे क्षेत्र में मक्के और मखाने का अच्छा उत्पादन होता है लेकिन इसका मुनाफा हमलोगों को नहीं मिल पाता है। जीविका से जुड़ने के बाद हम सभी किसान दीदियों ने मिलकर वर्ष 2021 में अपनी कंपनी खोली जिससे 372 जीविका दीदियां जुड़ीं। सरकार से हमें ग्रांट भी मिला। प्रगति मैदान दिल्ली में हमने अपने प्रोडक्ट की प्रदर्शनी भी लगाई थी। मक्का और मखाने के प्रोडक्ट की पैकिंग कर हमलोग इसे बाजार तक पहुंचा रहे हैं और इससे अच्छा लाभ मिल रहा है। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट करती हूं कि आपके कारण हम जीविका दीदियों का परिवार खुशहाल है।
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जीविका दीदी मनीषा कुमारी ने बताया कि हमारे जब दूसरे बच्चे का जन्म हो रहा था तो हमारी तबीयत खराब थी। जब मैं अस्पताल में भर्ती हुई तो जीविका दीदियों ने हमें पौष्टिक खाद्य सामग्रियों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके सेवन से आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा। आज हम और हमारा बच्चा दोनों स्वस्थ है। जीविका समूह से जुड़ने के बाद हमें काफी फायदा हुआ है। हम अपनी पंचायतों में घूम-घूमकर गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में बताते हैं ताकि जन्म लेने वाला बच्चा और उसकी मां दोनों स्वस्थ रहें। मैं नीतीश भईया को धन्यवाद देती हूं कि आपके कारण हमलोगों की तरक्की हो रही है और स्वास्थ्य भी बेहतर हो रहा है।
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जीविका दीदी स्वर्णलता देवी ने बताया कि पहले मैं अगरबत्ती बनाने का काम करती थी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद 2 लाख रुपये कर्ज लिया। 1 लाख रुपये मशीन पर और 1 लाख रुपये सामान पर खर्च किया और अगरबत्ती का बिजनेस शुरू किया। इससे 10 जीविका दीदियों को भी रोजगार मिल रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी को मैं धन्यवाद देती हूं कि सभी जीविका दीदियां आपकी बदौलत आगे बढ़ रही हैं। सभी दीदियां आपके साथ हैं और सभी जीविका दीदियों को आप इसी तरह आगे बढ़ाते रहें।
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जीविका दीदी टुडू ने बताया कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। खाने-पीने में भी काफी दिक्कत होती थी। जीविका समूह से जुड़ने के बाद 50 हजार रुपये का कर्ज लेकर धान कूटने की मशीन खरीदी। इससे फायदा हुआ और हमने फिर गाय और बकरी खरीद ली। बचत के पैसे से तीन बीघा जमीन भी छुड़वाई। 2 बीघा और जमीन बटाई पर लेकर पति के साथ खेती भी करने लगी। हमारी अच्छी आमदनी हो रही है। जीविका से जुड़ने के बाद मेरे परिवार की स्थिति में काफी बदलाव आया। हमारे सारे बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। नीतीश भईया को हम बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं।
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जीविका दीदी पक्कू मुर्मू ने बताया कि मेरे पति देशी शराब का कारोबार करते थे। शराबबंदी के बाद शराब का कारोबार छूट गया और हमारा घर चलाना मुश्किल हो गया। कुछ दिनों के बाद पति की भी मौत हो गई। तीन बच्चों की जिम्मेवारी थी। जीविका से जुड़ने के बाद सतत् जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से 60 हजार रुपये की राशि मिली, जिससे हमने किराने की दुकान खोली। उससे हमारी अच्छी आमदनी होने लगी। मेरा परिवार संभल गया। अब मैं 15 कट्ठा जमीन पर खेती भी कर रही हूं। नीतीश भईया आपको बहुत धन्यवाद देती कि आपकी बदौलत हमें जीविका से सहायता मिली और अब मेरा परिवार खुशहाल जीवन जी रहा है।

मेरी कम उम्र में शादी हो गई थी...गुलशन आरा
जीविका दीदी गुलशन आरा ने बताया कि मेरी कम उम्र में शादी हो गई थी। उसके बाद एक बच्ची का जन्म हुआ। कुछ दिनों के बाद मेरे पति ने तलाक देकर दूसरी शादी कर ली। मेरे माता-पिता और बच्ची की जिम्मेवारी मेरे ऊपर थी। जीविका से जुड़ने के बाद मुझे काफी बल मिला। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत वर्ष 2020 में मुझे 60 हजार रुपये मिले जिससे पट्टे पर लेकर ढाई बीघे जमीन में खेती शुरू की। हमें इससे काफी फायदा हो रहा है। घर की आर्थिक स्थिति सुधरी है और हम अपने पैरों पर खड़े हैं। नीतीश भईया को हम बहुत धन्यवाद देते हैं कि आपके चलते हमारा परिवार खुशहाल है और जीवन यापन अच्छे ढंग से चल रहा है।
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संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बात सुनने का मौका मिला है। आज यहां जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किये हैं। आपकी बातें मुझे काफी अच्छी लगीं और सुनकर मुझे खुशी हुई, इसके लिये मैं आप सभी को बधाई देता हूं। 24 नवंबर, 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था। देश भर में स्वयं सहायता समूह थे। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण 'जीविका' किया तब से आप सभी जीविका दीदियां कहलाने लगीं। उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था, काफी तारीफ की थी और पूरे देश में इसका नामकरण 'आजीविका किया यानि बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। इसे भूलियेगा मत। आप जीविका दीदियों की संख्या बहुत बढ़ी है यह देखकर मुझे खुशी होती है।

महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज भी आगे बढ़ेगा
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, खाना बनाती थीं, परिवार की सेवा करती थीं और खेती-बाड़ी का भी काम करती थीं। अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो समाज भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं। आप दूसरे राज्यों में जाकर प्रशिक्षण भी दे रही हैं। बिहार की जीविका दीदियों के कामों की प्रशंसा सभी जगह हो रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे अन्य कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है और जब भ्रमण करते हैं तो उसमें भी जीविका दीदियां और लोग भी अपनी समस्याएं बताते हैं जिसका समाधान किया जाता है। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब काफी अच्छे ढंग से अपनी बातें रख रही हैं और जहां भी जाती हैं अपनी उपस्थिति बेहतर ढंग से कराती हैं। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार के साथ ही समाज भी आगे बढ़ रहा है और बिहार भी आगे बढ़ रहा है। हम आपके हित में काम करते रहे हैं। पुरुष और महिला मिलकर जब काम करेंगे तो समाज का और अधिक विकास होगा।

केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया
नीतीश ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए काफी काम किया है। बिहार में सबसे पहले वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई। अब तक चार चुनाव संपन्न हो गये। वर्ष 1993 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा की एक संयुक्त कमिटी बनी थी, उस समय हम सांसद थे और इस कमिटी के सदस्य भी थे। केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया। अब काफी संख्या में साधारण परिवारों की महिलायें चुनाव जीतकर आ रही हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है।
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बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नही पाती थीं। हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढाने के लिए पोशाक योजना एवं साइकिल योजना शुरू की। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने लगीं। पहले पटना शहर में भी लड़कियां साइकिल नहीं चलाती थीं। बिहार में लड़कियों के लिए लागू की गई साइकिल योजना को वर्ष 2009-10 में देश के बाहर से भी आकर लोगों ने देखा था। लड़कियों के पढ़ने से प्रजनन दर घटा है। एक सर्वे से रिपोर्ट मिली थी कि अगर पति-पत्नी में पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर भी 2 था और बिहार का प्रजनन दर भी 2 था। अगर पति-पत्नी में पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7 था और बिहार का प्रजनन दर 1.6 था। हम लड़कियों को पढ़ा रहे हैं। पहले राज्य का प्रजनन दर 4.3 था जो अब घटकर 2.9 पर आ गया है। हमारा लक्ष्य इसे 2 करने का है।

समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करे। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की, जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। इसके लिये कानून भी बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये। आपलोग समाज सुधार अभियान लगातार चलाते रहें।
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नीतीश ने कहा कि शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और इसे घर-घर पहुंचाया गया है। आप सभी खुद भी पढ़ें और दूसरे को भी पढ़ायें। शराबबंदी लागू होने के बाद एक महिला ने बताया था कि मेरे पति पहले शराब पीते थे, झगड़ा करते थे और बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते थे, वहीं शराबबंदी लागू होने के बाद अब घर का माहौल ठीक हो गया है, बच्चे ठीक से पढ़ते हैं और मेरे पति अब सब्जी लेकर घर आते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। आज कल लोग पुरानी बातों को खत्म करने के चक्कर में लगे रहते हैं। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। बुकलेट में छपी बातों को नयी पीढ़ी के अधिक से अधिक लोगों को बताएं। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं। आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होने वाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती है। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं। कुमार ने कहा कि समाज में कोई किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। कुछ लोग झगड़ा लगाने का काम करते हैं। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज परिवार और देश आगे बढ़ेगा। गड़बड़ करने वालों के प्रति सचेत रहें। शराबबंदी के प्रति लोगों को निरंतर प्रेरित करें। अपने कामों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाते रहें। आप सभी जीविका दीदियां बच्चों को ठीक ढंग से पढ़ाएं और स्कूलों की निगरानी करते रहें। शिक्षक अगर स्कूल में ठीक ढंग से नहीं पढ़ाएं तो इसकी सूचना जिलाधिकारी को दें, जिलाधिकारी इस पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आपकी और तरक्की हो। आपका काम और बढ़े।

जीविका दीदियों ने CM को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर स्वागत किया
सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत मुख्यमंत्री ने 5,250 स्वयं सहायता समूहों को 25 करोड़ 60 लाख रूपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। संवाद कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सहकारिता मंत्री सह कटिहार जिले के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन सह सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, विधायक विजय सिंह, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक आर०एस० भट्टी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, आयुक्त पूर्णिया प्रमंडल मनोज कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पूर्णिया प्रक्षेत्र सुरेश प्रसाद चौधरी, जिलाधिकारी कटिहार उदयन मिश्रा, पुलिस अधीक्षक कटिहार जितेंद्र कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


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Content Writer

Mamta Yadav

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