जदयू ने जींद में प्रस्तावित अभय चौटाला की रैली में नीतीश के शामिल होने की संभावना से इंकार किया

9/9/2021 10:25:35 PM

पटना, नौ सितंबर (भाषा) बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी को इस बात की जानकारी नहीं है कि नीतीश कुमार 25 सितंबर को हरियाणा के जींद में आईएनएलडी नेता अभय चौटाला की प्रस्तावित रैली में शामिल होंगे।

मीडिया में आयी कुछ खबरों में चौटाला के हवाले से कहा गया है कि नीतीश ने 25 सितंबर को जींद में प्रस्तावित रैली में शामिल होने की ‘‘पुष्टि’’ की है। इस संबंध में सवाल करने पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने कहा, ‘‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है। यह किसी तरह से पार्टी का मामला नहीं है। हो सकता है उन्हें (नीतीया) मुख्यमंत्री के रूप में निमंत्रण मिला हो। ऐसे मामलों में वह अपना फैसला खुद लेते हैं। इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।’’
उन्होंने भाजपा के घोर विरोधी देवेगौड़ा, मुलायम सिंह और प्रकाश सिंह बादल जैसी हस्तियों के साथ उक्त रैली में राजग के सहयोगी नीतीश के शामिल होने के राजनीतिक निहितार्थ के बारे में पूछे गए सवालों का भी जवाब देने से इंकार कर दिया।

प्रस्तावित रैली पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल की जयंती के अवसर पर होनी है जिनका नीतीश तत्कालीन जनता दल में अपने वरिष्ठ नेता के रूप में हमेशा सम्मान करते रहे हैं।

दिल्ली की अपनी हालिया यात्रा के दौरान नीतीश ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत चौधरी देवी लाल के पुत्र ओम प्रकाश चौटाला से भी मुलाकात की थी।

जींद में प्रस्तावित रैली में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी और शरद पवार जैसे क्षेत्रीय दिग्गजों को भी निमंत्रण भेजा गया है, और इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले ‘‘तीसरे मोर्चे’’ के गठन के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू जो कि शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल जैसे प्रमुख सहयोगियों के बाहर होने के बाद वर्तमान में भाजपा का सबसे बड़ा सहयोगी दल है। जदयू को हाल में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में ‘‘सम्मानजनक’’ हिस्सेदारी की उम्मीद थी पर उसे एक ही मंत्री पद मिला।

हालांकि नीतीश ने चैटाला की उक्त रैली में शामिल होने को लेकर अभी तक अपने कार्ड का खुलासा नहीं किया है पर बिहार के राजग नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर वे रैली में शामिल होते हैं तो इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में ‘‘सम्मानजनक’’ हिस्सेदारी नहीं मिलने पर उनकी दबाव की रणनीति के रूप में माना जाएगा।


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PTI News Agency

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