प्रशांत किशोर का CM पर हमला- Nitish को सिर्फ खुद के सीएम बने रहने से मतलब, चाहे वह BJP हो या लालटेन
Saturday, Jan 21, 2023-11:01 AM (IST)

गोपालगंज(अभिषेक कुमार सिंह): जन सुराज पदयात्रा के 111वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के बरौली प्रखंड के बिहार ब्राइट करियर स्कूल स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश पर जमकर हमला बोला।
नीतीश कुमार को सिर्फ खुद के मुख्यमंत्री बने रहने से मतलब: पीके
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के विरोध में कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा कर रही है और हम देख रहे हैं उसमें कई राज्यों के विपक्ष के नेता उसमें शामिल हो रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार उस यात्रा में शामिल भी नहीं हुए। इसलिए यह व्यवस्था (महागठबंधन) नीतीश कुमार द्वारा बनाई गई है, इससे उन्हें अपनी कुर्सी पर बने रहने में मदद मिल रही है। नीतीश कुमार के जीवन में बस एक ही प्राथमिकता रह गई कि वह किसी भी तरह से मुख्यमंत्री बने रहे। चाहे वह भाजपा के साथ रहकर बने या लालटेन के साथ उन्हें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रशांत ने कहा कि के कई लोगों ने हल्ला मचाया कि नीतीश कुमार देश के स्तर पर महागठबंधन बना रहे हैं, मैंने उस दिन ही कहा था बिहार के बाहर इस महागठबंधन का कुछ नहीं होने वाला है।
"वोट लेने और समाज को बांटने के लिए कराई जा रही जातीय जनगणना"
जातीय जनगणना के सवाल प्रशांत किशोर ने मीडिया को बताया कि ऐसी कोई भी जानकारी जिससे सरकार के पास समाज के बारे में बेहतर जानकारियां आएं उसका स्वागत होना चाहिए। लेकिन सभी पक्षधरों का सवाल है कि जातीय जनगणना का वैधानिक आधार क्या है। राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए इसका कोई वैधानिक आधार नहीं है ,बल्कि ये सर्वे है। इसके साथ ही प्रशांत ने कहा कि जाति जनगणना समाज को बेवकूफ बनाने का तरीका है। केवल जनगणना या सर्वे करा लेने से लोगों की स्थिति नहीं सुधरेगी बल्कि इन लोगों की स्थिति तब सुधरेगी जब उन जानकारियों पर आप इमानदारी से कुछ बेहतर प्रयास करेंगे। जाति जनगणना समाज को बांटने के लिए, अगड़ा-पिछड़ा कर, जाति के आधार पर उन्माद खड़ा कर वोट लेने की तैयारी है।
किसी गांव में मुझे चलता हुआ अस्पताल नहीं दिखा: प्रशांत
जन सुराज पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी खराब है कि पदयात्रा के दौरान जिन पंचायतों, कस्बों से वे गुजरे, वहां अब तक कोई भी सुचारू रूप से चलने वाला अस्पताल नहीं दिखा। बिहार की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था ग्रामीण चिकित्सकों और सर्विस प्रोवाइडर पर ही निर्भर है। आगे प्रशांत ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से कहीं भी सुचारू देखने को नहीं मिल रही है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अनुमंडल और जिला स्तर के अस्पतालों में वे नहीं गये हैं इसलिए उन पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।