एन.एफ.डी.पी. पर 1.12 लाख से अधिक मत्स्य पालकों का पंजीकरण, बिहार में मछली पालन बना डिजिटल उद्यम का मॉडल

Monday, Jun 23, 2025-06:59 PM (IST)

पटना:राज्य में मछली उत्पादन को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजन का लाभ मत्स्य कृषकों को दिया जा रहा है। पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय के द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर मत्स्य कृषकों को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने तथा मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए योजनान्तर्गत नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एन.एफ.डी.पी) पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।

इस योजनान्तर्गत बिहार में मत्स्य कृषकों को मत्स्य पालन में तरक्की का सुनहरा अवसर मिल रहा है। अब SHGs, छोटे उद्दमों, सहकारी समितियों और मत्स्य किसान संगठनों को 35 प्रतिशत तक प्रदर्शन अनुदान (Performance Grant) एन.एफ.डी.पी. प्रोटल के माध्यम से दिया जा रहा है। एन.एफ.डी.पी के जरिए मछली पालकों और सहकारी समितियों की सदस्यों कों ट्रेनिंग, वित्तिय जानकारी और योजना बनाने में मदद दी जा रही है। इस पर रजिस्ट्रेशन कर मछुआरों अपनी डिजिटल पहचान पत्र प्राप्त कर रहे है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के विभिन्न घटकों के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एन.एफ.डी.पी. पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। 

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के अंतर्गत एन.एफ.डी.पी. के माध्यम से मछुआरों, मत्स्य पालकों और सहायक श्रमिकों को पंजीकरण के द्वारा असंगठित श्रेत्र को सुव्यवस्थित किया जा रहा है। इससे जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्ति या संगठन https://nfdp.dof.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं और विस्तृत जानकारी जिलों के जिला मत्स्य कार्यलयों से भी प्राप्त कर सकते हैं।

राज्य में अब तक 1.12 लाख से अधिक मत्स्य पलकों के द्वारा एन.एफ.डी.पी पर पंजीकरण किया जाना इस बात का प्रमाण है कि बिहार इस डिजिटल बदलाव को तेजी से अपना रहा है एवं मत्स्य पालन को उद्दम के रूप में स्थापित करने एवं मत्स्य कृषकों को खुशहाल करने की दिशा की ओ अग्रसर है।


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Content Writer

Ramanjot

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