Bihar Election 2025: नीतीश कुमार की ‘महिला रोजगार योजना’ बनी गेमचेंजर ! बिहार में बढ़ी वोटिंग की रफ्तार
Friday, Nov 07, 2025-01:18 PM (IST)
Bihar Election 2025: एक समय था जब बिहार की महिलाएं घर की चौखट पार करने से भी झिझकती थीं, लेकिन आज वे शिक्षा, राजनीति और रोजगार की नई मिसाल बन चुकी हैं। इस ऐतिहासिक बदलाव के केंद्र में हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनकी सोच ने बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में नई उड़ान दी है।
इसी कड़ी में सरकार की सबसे चर्चित पहल — “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (MMRY)” — ने अब पूरे राज्य में महिलाओं के बीच नई ऊर्जा और उम्मीद जगाई है। इसे लोग प्यार से ‘दसहज़ारी योजना’ (Das Hazari Yojana) कह रहे हैं क्योंकि इसके तहत महिलाओं के खाते में ₹10,000 की पहली किस्त सीधे भेजी जा रही है।
‘दसहज़ारी योजना’ बनी चर्चा का विषय
बिहार चुनाव 2025 से ठीक पहले शुरू हुई यह योजना अब सिर्फ एक सरकारी प्रोग्राम नहीं रही, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई है। राज्य के सभी जिलों में महिलाएं योजना का फॉर्म भरने के लिए कतारों में लगी हैं। जिन महिलाओं के खाते में ₹10,000 की राशि पहुंची है, वे इसे अपनी ज़िंदगी में बदलाव की शुरुआत (Women Empowerment in Bihar) बता रही हैं।
कैसे करती है यह योजना सशक्त
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (MMRY) को सिर्फ नकद हस्तांतरण (Cash Benefit) नहीं, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता (Economic Empowerment) का जरिया बनाया गया है। योजना के तहत महिलाओं को कुल ₹2.10 लाख की सहायता तीन चरणों में दी जा रही है — पहली किस्त ₹10,000 की पहले ही 1.21 करोड़ जीविका समूह (JEEViKA) से जुड़ी महिलाओं को दी जा चुकी है। आगे की किश्तें उन्हें छोटे व्यवसाय (Small Business) शुरू करने के लिए दी जाएंगी — जैसे डेयरी, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, आर्ट एंड क्राफ्ट या किराना दुकान।
ग्रामीण महिलाओं की बदली ज़िंदगी
बेगूसराय, मुंगेर, सिवान, गोपालगंज और दरभंगा की महिलाएं इस योजना को “जीवन-परिवर्तनकारी (Life Changing Scheme)” बता रही हैं।
‘कैश डोल’ नहीं, आत्मनिर्भरता का रास्ता
नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना सिर्फ राहत नहीं, बल्कि महिलाओं को Empower करने की पहल है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, चुनाव में नीतीश कुमार का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है। बिहार में अब महिलाएं सिर्फ घर की नहीं, बल्कि समाज और राजनीति की दिशा तय कर रही हैं। ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ ने यह साबित कर दिया है कि जब सरकार नीयत से काम करे, तो बदलाव सिर्फ नारे में नहीं, ज़मीनी हकीकत (Ground Reality of Women Empowerment) में दिखता है।

