Bihar Election 2025: "चरवाहा विद्यालय से Smart Class तक!" — नीतीश कुमार बोले, अब बदला है बिहार का भविष्य
Sunday, Nov 02, 2025-09:02 PM (IST)
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक और तीखा पोस्ट साझा किया। इसमें उन्होंने 2005 से पहले की अराजक शिक्षा व्यवस्था की तुलना अपने शासनकाल में हुए क्रांतिकारी बदलावों से की। नीतीश ने कहा कि “चरवाहा विद्यालय” के दौर से निकलकर आज बिहार “स्मार्ट क्लास” और “ई-लाइब्रेरी” वाले युग में पहुंच चुका है।
“2005 से पहले बिहार में शिक्षा थी मज़ाक बन चुकी थी”
नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा कि 2005 से पहले बच्चे स्कूल नहीं जा पाते थे, भवन जर्जर थे, और शिक्षकों की भारी कमी थी। उन्होंने बताया कि “उस वक्त राज्य में 65 बच्चों पर एक शिक्षक होता था, और 12.5% बच्चे स्कूल से पूरी तरह बाहर थे — जिनमें ज़्यादातर महादलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे शामिल थे।”
20 साल में शिक्षा में क्रांति — बजट 4366 करोड़ से बढ़कर 60,964 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में शिक्षा का बजट सिर्फ ₹4,366 करोड़ था, जो अब ₹60,964.87 करोड़ (2025-26) तक पहुंच गया है — यानी लगभग 14 गुना वृद्धि।
उन्होंने कहा, “आज राज्य का 22% बजट शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है। यह हमारी सरकार की प्राथमिकता को दिखाता है।”
स्कूलों की बाढ़ — अब हर टोला तक पहुंची शिक्षा
नीतीश कुमार ने बताया कि जहां 2005 में राज्य में 53,993 विद्यालय थे, वहीं आज उनकी संख्या 75,812 तक पहुंच चुकी है।
अब 97.61% टोले सरकारी स्कूलों से आच्छादित हैं। उन्होंने कहा कि “अब हर पंचायत में इंटर तक की पढ़ाई की सुविधा है, ताकि बेटियों को दूर न जाना पड़े।”
साइकिल योजना से बदली बेटियों की तकदीर
नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में “मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना” को राज्य में लड़कियों की शिक्षा का टर्निंग पॉइंट बताया।
उन्होंने कहा कि “2008 में शुरू हुई साइकिल योजना ने लड़कियों को स्कूल तक पहुंचाया, और आज इंटर में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है।”
‘उन्नयन बिहार योजना’ से डिजिटल एजुकेशन को मिला बढ़ावा
नीतीश कुमार ने बताया कि अब 10+2 विद्यालयों में कंप्यूटर लैब, ई-लाइब्रेरी और स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अब “ग्रामीण छात्र भी हाईस्पीड इंटरनेट और आधुनिक लाइब्रेरी के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।”
IIT, AIIMS, IIM तक फैला शिक्षा विस्तार
उन्होंने बताया कि अब बिहार में 21 सरकारी विश्वविद्यालय, 4 केंद्रीय विश्वविद्यालय और 8 निजी विश्वविद्यालय हैं। साथ ही राज्य में IIT पटना, AIIMS पटना, IIM बोधगया, NIFT पटना और IIIT भागलपुर जैसे राष्ट्रीय संस्थान स्थापित किए गए हैं। नीतीश ने कहा, “अब बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए राज्य छोड़ने की जरूरत नहीं।”
महिलाओं की साक्षरता दर दोगुनी
मुख्यमंत्री ने बताया कि “2001 में जहां महिलाओं की साक्षरता दर 33.57% थी, वहीं अब यह 73.91% तक पहुंच चुकी है।”
उन्होंने कहा कि “शिक्षा अब हर बच्चे का अधिकार है, और यह बदलाव सिर्फ आंकड़ों में नहीं — बल्कि समाज के सोच में आया है।”
“हम वही करते हैं, जो कहते हैं” — नीतीश का चुनावी संदेश
पोस्ट के अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा — “राज्य के बच्चों और युवाओं को हमने जो वादा किया, उसे निभाया है। आगे भी बिहार को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का काम हम ही करेंगे। जय बिहार!”

