बिहार में गया और कैमूर के 5 ठिकानों पर NIA का छापा, 4.03 करोड़ कैश एवं हथियार सहित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
Friday, Sep 20, 2024-08:44 AM (IST)
पटना/गया: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सीपीआई (माओवादी) मगध जोन मामले में बिहार के गया और कैमूर जिले के पांच ठिकानों पर छापेमारी कर 10 हथियार, 4.03 करोड़ रुपये नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए।
एनआईए की गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिहार के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर छापेमारी की गई। इस छापेमारी का उद्देश्य मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने की सीपीआई (माओवादी) की साजिश को विफल करना था। इस साजिश मामले में तीन संदिग्धों के घरों और कार्यालय परिसरों में छापेमारी की गई। इस क्रम में एनआईए ने पाया कि तीनों मगध क्षेत्र में अपनी नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं को धन और रसद सहायता प्रदान करने में शामिल थे। गया और कैमूर जिले के पांच ठिकानों पर की गई छापेमारी में अलग-अलग बोर के दस हथियार, 4.03 करोड़ रुपये नकद, कई डिजिटल उपकरणों के साथ ही आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
एनआईए की आज की छोपमारी में बिहार में सत्तरूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी का गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित आवास भी शामिल है। इस कारर्वाई में एनआईए ने मनोरमा देवी के आवास से भारी संख्या में नकद जब्त किया गया है। हालांकि पूर्व विधान पार्षद के आवास से जब्त नकद की वास्तविक संख्या का उल्लेख एनआईए ने अलग से नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा है कि मनोरमा देवी के पति स्वर्गीय बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव पर पूर्व में माओवादियों के साथ सांठ-गांठ होने का आरोप था। इसे लेकर पूर्व में उनकी गिरफ्तारी भी की गई थी। संभवत: इसी मामले को लेकर एनआईए ने एक बार फिर उनके आवास पर छापामारी की है।
एनआईए ने कहा कि मामला 07 अगस्त 2023 को औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र से सीपीआई (माओवादी) के दो कैडरों की गिरफ्तारी से प्रकाश में आया। गिरफ्तार किए गए कैडरों में रोहित राय और प्रमोद यादव शामिल हैं। उनके पास से हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ सीपीआई (माओवादी) मगध जोनल सांगठनिक कमेटी से संबंधित पुस्तिकाएं भी बरामद की गई थी। एनआईए ने इस सिलसिले में 26 सितंबर 2023 को जांच शुरू की और 20 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। एनआईए ने फरवरी 2024 में रोहित और प्रमोद के खिलाफ न्यायालय में आरोप-पत्र दायर किया। एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि रोहित और प्रमोद अपने सहयोगियों के साथ क्षेत्र में सीपीआई (माओवादियों) की खत्म हो रही गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और इसकी हिंसक राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे थे। इस मामले में अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एजेंसी ने मार्च 2024 में आरोपी अनिल यादव उर्फ अंकुश और सीपीआई (माओवादी) पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र भी दायर किया है। इस वर्ष जुलाई में अपने दूसरे पूरक आरोप-पत्र में एनआईए ने एक अन्य आरोपी अनिल यादव उर्फ छोटा संदीप का जिक्र किया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।