BSSC पेपर लीक मामले में नया खुलासाः इनविजिलेटर अटेंडेंट्स बनाते रहे, अजय ने भाई को भेज दिया क्वेश्चन पेपर का फोटो

Monday, Dec 26, 2022-06:19 PM (IST)

पटनाः BSSC पेपर लीक मामले को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने काफी हद तक सुलझा लिया है। EOU की टीम ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर कुल 4 लोगों को अपने कब्जे में ले लिया है। इसी बीच EOU की जांच में एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल, क्वेश्चन पेपर बांटने के बाद जब इनविजिलेटर अटेंडेंट्स बनाने में बिजी थे तो उसी समय कैंडिडेट अजय कुमार ने क्वेश्चन पेपर का फोटो खींचकर अपने भाई को भेज दिया।

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अजय के अपने भाई को दिया था सॉल्वर का नंबर
मिली जानकारी के अनुसार, मोतिहारी के शांति निकेतन जुबली स्कूल के जिस रूम में सुपौल का अजय कुमार परीक्षा दे रहा था, उसमें सिर्फ एक ही इनविजिलेटर एसएन ज्योति थे। क्वेश्चन पेपर बांटने के बाद वह दूसरे पेपर वर्क में बिजी हो गए। इसी बीच कैंडिडेट अजय कुमार ने मौके का फायदा उठाते हुए अपना मोबाइल निकाला और क्वेश्चन पेपर का फोटो खींचकर सुपौल में बैठे अपने भाई विजय को भेज दिया। अजय के अपने भाई को दो सॉल्वर के मोबाइल नंबर दे रखे थे। जैसे ही क्वेश्चन पेपर विजय के पास पहुंचा, उसने आगे दोनों सॉल्वर को भेज दिया।

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दोनों सॉल्वर से पूछताछ कर रही EOU की टीम
फिलहाल, इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि सॉल्वर ने सवाल के जवाब तैयार कर वापस भेजे या नहीं। दरअसल, जब EOU की टीम ने दोनों भाइयों को अपने कब्जे में लिया तो उन्होंने खुद यह खुलासा किया। वहीं दोनों भाइयों की निशानदेही पर टीम ने पटना के मुसल्लहपुर से दोनों सॉल्वर को भी अपने कब्जे में ले लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। 

वहीं इस पूरे मामले में दो बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। पहली यह कि नियम के अनुसार हर 20 कैंडिडेट पर एक इनविजिलेटर को रखना होता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दूसरा, पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए हर सेंटर के गेट पर कैंडिडेट्स की सख्ती से जांच होनी चाहिए जो नहीं हुई।


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Ramanjot

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