पटना में एनडीए की सीट शेयरिंग का ऐलान कल, चिराग की मांग ने बढ़ाया राजनीतिक दबाव!
Friday, Oct 10, 2025-08:58 PM (IST)

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब शनिवार को पटना में एनडीए की सीटों का फाइनल डिस्ट्रिब्यूशन तय होगा। इस बैठक में स्पष्ट हो जाएगा कि गठबंधन में शामिल प्रत्येक दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इसके अगले ही दिन, रविवार को बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक दिल्ली में होगी। इस बैठक के बाद केंद्रीय चुनाव समिति उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगाएगी।
बैठक में शामिल होंगे बीजेपी के शीर्ष नेता
सूत्रों के अनुसार, बिहार बीजेपी की इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, संगठन मंत्री भिखु भाई दालसानिया, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मौजूद रहेंगे।
चिराग पासवान की मांग ने बनाया समीकरण पेचीदा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस बार एनडीए में अधिक सीटों की मांग की है, जिससे गठबंधन के समीकरण पेचीदा बन गए हैं। एनडीए में गतिरोध की मुख्य वजह चिराग के इस अडिग रुख को माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन नेताओं को उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकल जाएगा।
नित्यानंद राय ने जताई सकारात्मकता
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने चिराग पासवान से मुलाकात के बाद कहा कि “सब कुछ सकारात्मक है।” साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले चिराग इस बार फिर एनडीए का हिस्सा हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव का चिराग फैक्टर
पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने ज़ेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिससे नीतीश कुमार की पार्टी केवल 43 सीटों तक सिमट गई थी। 2020 में चिराग की पार्टी ने 135 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन जीत केवल एक उम्मीदवार को मिली। इस बार चिराग और उनकी पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत साबित की है, इसलिए ज्यादा सीटों की मांग पर अडिग हैं।
चिराग का दावा और रणनीति
नीतीश से मतभेद के बावजूद, चिराग पासवान ने एनडीए में वापसी की और लोकसभा चुनाव में 5 सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखाई। यही कारण है कि इस बार विधानसभा चुनाव में वह और अधिक सीटों की मांग पर जोर दे रहे हैं।