सीतामढ़ी: MDM घोटाले का खुलासा — तीन प्रधान शिक्षकों ने दर्ज की बच्चों की फर्जी हाजिरी, ₹5 लाख से अधिक का गबन
Friday, Nov 07, 2025-07:24 PM (IST)
Mid Day Meal Fraud Bihar: सीतामढ़ी जिले में मध्याह्न भोजन (MDM) योजना के तहत बच्चों की फर्जी हाजिरी दर्ज कर राशन और नकदी निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले के दो प्रखंडों के तीन प्रधान शिक्षकों पर कुल मिलाकर ₹5 लाख से अधिक की रकम गबन करने के आरोप लगे हैं। जांच के बाद शिक्षा विभाग ने इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है — या तो गबन की राशि तुरंत सरकारी खाता में जमा करें, नहीं तो उनके वेतन से वसूल कर लिया जाएगा।
फर्जी हाजिरी से पकड़े गए मामले
निरीक्षण के दौरान स्कूलों के रिकॉर्ड और बच्चों की वास्तविक उपस्थिति में भारी अन्तर पाया गया। मध्य विद्यालय, बाड़ा दक्षिण (परिहार प्रखंड): 20 सितंबर की हाजिरी में 162 बच्चों दर्ज थे, पर निरीक्षण के समय सिर्फ 10 बच्चे मौजूद मिले। इस प्रकरण में प्रधान शिक्षक पर ₹1,18,090 के गबन का आरोप है।
मध्य विद्यालय परसा महिन्द (सोनबरसा प्रखंड): रजिस्टर में कुल 290 नामांकित दिखे, हाजिरी 169 दिखाई गई पर असल में केवल 34 बच्चे मिले; राशन स्टॉक में भी भारी कमी पाई गई। प्रधान शिक्षक पर ₹1,04,538 के घोटाले का आरोप है। कन्हौली कन्या (सोनबरसा प्रखंड): यहाँ भी बच्चों की अधिक उपस्थिति दर्ज कर रकम निकाली गई। जांच के बाद इस प्रकरण में ₹2,78,447 का अर्थदंड तय हुआ।
वसूली जाएगी पूरी राशि,होगी कानूनी कार्रवाई
जांच रिपोर्ट आने के बाद जिले के MDM DPO ने साफ निर्देश दिए हैं — दोषियों से गबन की गई रकम तुरंत सरकारी खाते में जमा करायी जाए या वैकल्पिक रूप से यह राशि उनके वेतन से वसूली जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि पोषाहार पंजी, छात्र उपस्थिति पंजी और चखना पंजी जैसे जरूरी अभिलेख प्रस्तुत न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है; पहले भी कुछ प्रधान शिक्षकों को MDM में अनियमितता के कारण दंडित किया जा चुका है। विभाग ने कहा है कि सरकारी योजनाओं में घपलेबाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी दोषियों के खिलाफ अनुशासनिक प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी।
क्या होगा आगे?
अभी तीनों प्रधान शिक्षकों को अंतिम मौके के रूप में कहा गया है कि वे गबन की कुल राशि तुरंत जमा कर दें। राशि जमा न होने पर विभाग यह राशि उनके वेतन से काटकर वसूल करेगा और साथ ही कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी — जिसमें पैनल जांच, सस्पेंशन या सेवा-विराम शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए स्कूलों के नियमित सत्यापन और Surprise Inspection को और कड़ा किया जाएगा।

