कोरोना पर भारी पड़ी आस्था! मकर संक्रांति पर रोक के बाद भी गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

1/14/2022 3:39:59 PM

बक्सरः मकर संक्रांति महापर्व को लेकर मिनी काशी कहे जाने वाले बक्सर के गंगा घाटों पर तमाम प्रशासनिक कोशिश के बावजूद भी श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। कोरोना वायरस पर आस्था भारी पड़ती दिख रही है। कोरोनावायरस के गाइडलाइन के बावजूद भी न तो घाटों पर सुरक्षा बल उपलब्ध है, ना ही मजिस्ट्रेट मौजूद हैं। रामरेखा घाट के मुख्य गेट को सील कर बंद कर दिया गया है। फिर भी अगल बगल से लोग घाटों पर पहुंच रहे हैं। जहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं दिखे।
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दरअसल, सनातन धर्म में मकर संक्रांति के दिन का गंगा स्नान का विशेष महत्व है। आज के दिन ही सूर्य देव अपना राशि परिवर्तन करते हुए धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। आज के दिन चुड़ा दही और तिलकुट खाकर लोग पूरे परिवार के साथ घूमने निकलते हैं तथा पतंगबाजी भी करते हैं। शाम के समय खिचड़ी व्यंजन का महत्व माना जाता है। कोरोना काल के तीसरी लहर में भी मकर संक्रांति दे दिन बाजारों में रौनक दिखी।
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रामरेखा घाट के पुजारी लाला बाबा ने बताया कि कोरोनावायरस पर आस्था भारी दिख रही है। संक्रमण का खतरा है, फिर भी लोग नहीं मान रहे हैं। बता दें कि गुरुवार को बक्सर एसपी नीरज कुमार सिंह एवं बक्सर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने लोगों से अपील करते हुए कहा था कि संक्रमण को देखते हुए पूर्ण रूप से गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं जिला प्रशासन के लाख दावों की पोल खोलती तस्वीर आज देखने को मिली। जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु रामरेखा घाट पर दिखे।


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Ramanjot

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