पटनाः कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे वामदल, प्रधानमंत्री का फूंका पुतला

Thursday, Dec 03, 2020-01:05 PM (IST)

पटनाः कृषि सुधार कानूनों के विरोध में बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) समेत अन्य वामदल के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। भाकपा-माले सहित अन्य वाम दलों के आह्वान पर बुद्धा स्मृति पार्क के सामने कृषि कानूनों के विरोध में सभा आयोजित हुई और उसके बाद डाकबंगला चैराहे पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया।
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मुख्य रूप से भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राजद नेता आलोक मेहता, भाकपा नेता कन्हैया कुमार, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, माले के राज्य सचिव कुणाल, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बिहार-झारखंड के प्रभारी राजाराम सिंह, धीरेन्द्र झा, विधायक दल के नेता महबूब आलम, शशि यादव, के. डी. यादव, उमेश सिंह, अभ्युदय सहित बड़ी संख्या में वाम दलों के नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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प्रतिरोध सभा में बड़ी-बड़ी तख्तियों के साथ भाकपा-माले एवं वामदलों के नेता-कार्यकर्ता दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में नारे लगा रहे थे और तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे थे। सभा के बाद बुद्धा स्मृति पार्क से डाकबंगला चैराहा तक मार्च निकला और फिर डाकबंगला चौराहा पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया।
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इस मौके पर वाम नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार घोर किसान विरोधी है। आज पूरा पंजाब सरकार के खिलाफ लड़ रहा है, कल पूरा देश मोदी सरकार के खिलाफ लड़ेगा। बिहार की नीतीश सरकार केवल डींगे हांकती है लेकिन उसने वर्ष 2006 में ही अपने यहां मंडियों को खत्म कर दिया था। आने वाले दिनों में बिहार में भी किसान आंदोलन का नया ज्वार आएगा। बिहार सरकार किसानों को धान खरीद की गारंटी नहीं दे रही है। यदि समय रहते सरकार ने तीनों काले कानूनों को वापस नहीं लिया तो पूरे बिहार में आंदेालन चलाया जाएगा।


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