Lalu Family Controversy: रोहिणी के बाद लालू यादव की तीन और बेटियां राबड़ी आवास छोड़ दिल्ली पहुंचीं

Monday, Nov 17, 2025-06:55 AM (IST)

Lalu Family Controversy:बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को मिली करारी हार के बाद लालू परिवार के अंदर चल रहा विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। रोहिणी आचार्य के राजनीति और परिवार से नाता तोड़ने के 24 घंटे के भीतर ही लालू यादव की तीन और बेटियाँ—रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी—पटना आवास छोड़कर दिल्ली रवाना हो गईं।

रोहिणी आचार्य का खुला आरोप: “मुझे जलील किया गया, मायके से निकाल दिया गया”

रविवार को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दो भावुक पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने परिवार के भीतर उनके साथ हुए व्यवहार को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए।
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा—

“कल एक बेटी, एक बहन, एक मां को गंदी गालियां दी गईं, चप्पल से मारने की कोशिश की गई। मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया और मुझे मायका छोड़ने पर मजबूर किया गया। मेरा घर, मेरा परिवार मुझसे छीन लिया गया।” रोहिणी ने यह भी कहा कि उन्हें मजबूरी में रोते हुए अपने माता-पिता और बहनों को पीछे छोड़ना पड़ा।

तीन बहनों का दिल्ली जाना बढ़ा रहा है विवाद की आग

रोहिणी के आरोपों के बाद रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी यादव भी अपने बच्चों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
परिवार के अंदर का यह तेजी से बढ़ता तनाव बताता है कि लालू परिवार एक बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है।

चिराग पासवान की प्रतिक्रिया: “पारिवारिक दर्द समझ सकता हूँ”

लोजपा (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि यह स्थिति बेहद संवेदनशील है और वे परिवारिक दर्द को समझते हैं।
उन्होंने कहा— “हमारे राजनीतिक मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने हमेशा लालू जी के परिवार को अपना ही परिवार माना है। बस यही प्रार्थना है कि यह विवाद जल्द सुलझे।”

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने भी जताई चिंता

बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यह मामला बेहद दुखद है। उन्होंने टिप्पणी की— “RJD ने पहले तेज प्रताप को अलग किया, अब रोहिणी ने कहा कि उन्हें परिवार से अलग कर दिया गया। यह उनका पारिवारिक मामला है, लेकिन स्थिति चिंताजनक है।”

क्या चुनावी हार का असर परिवार पर?

राजद ने इस बार के चुनाव में उम्मीद से काफी कम प्रदर्शन किया। पार्टी की करारी हार के बाद से ही राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि इसका सीधा असर संगठन और परिवार दोनों पर पड़ा है। रोहिणी का परिवार छोड़ने का फैसला और बहनों का पटना छोड़ना इस ओर स्पष्ट संकेत दे रहा है कि स्थिति सामान्य नहीं है।


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Ramanjot

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