BJP से अलग होने के एक दिन बाद जदयू के बदले तेवर, ललन सिंह बोले- हम ED और CBI से नहीं डरते

8/11/2022 11:10:12 AM

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बुधवार को कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर विपक्ष द्वारा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए जाने के बावजूद पार्टी उससे अलग हो गई क्योंकि उसे प्रवर्तन निदेशालय और और सीबीआई का डर नहीं है।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में हमारे विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था, जबकि विधायक वहां की सरकार का समर्थन कर रहे थे। ललन सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। यह पूछे जाने पर क्या भाजपा से अलग होने से जदयू जांच एजेंसियों के माध्यम कथित राजनीतिक प्रतिशोध की चपेट में आ जाएगा, उन्होंने कहा, ‘वे कई एजेंसियों को लगा दें। हम सीबीआई और ईडी से नहीं डरते। कंपनियां चलाने वालों को ही डर में जीने की जरूरत है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम जीवित रहने के लिए व्यक्तिगत आय के अन्य कानूनी स्रोतों के अलावा सांसदों या विधायकों के रूप में मिलने वाले वेतन पर निर्भर करते हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के पार्टी के फैसले को उन सभी का समर्थन मिला जो कल की बैठक में शामिल नहीं हो सके, जैसे राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मुझसे टेलीफोन पर बात की और कहा कि वह हमेशा नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे।

जदयू प्रमुख ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा का इस्तेमाल कर हमारे उम्मीदवारों के खिलाफ अपने विद्रोहियों को खड़ा करवाया और चुनाव बाद उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया। ललन ने इस आरोप को भी दोहराया कि जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह भाजपा के ‘‘एजेंट'' बन गए थे। हालांकि यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी को विभाजित करने की कोशिश की थी, उन्होंने कहा कि कोई भी हमारे बीच दरार पैदा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा। उनके 30 से अधिक सांसद बिहार और पश्चिम बंगाल से सटे राज्यों से हैं । ललन ने भाजपा को यह भी याद दिलाया कि वह 2015 के विधानसभा चुनाव में केवल 53 सीटें जीत सकी थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद रिकॉर्ड 42 रैलियां की थीं।


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Ramanjot

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