साहित्यकार जगदीश मंडल को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने की घोषणा, मिथिलांचल में खुशी का माहौल

2/24/2022 7:53:12 PM

दरभंगाः मधुबनी जिले के बेरमा गांव निवासी और साहित्यकार जगदीश प्रसाद मंडल को मैथिली भाषा में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 को देने की घोषणा से पूरे मिथिलांचल में उत्सवी माहौल है। जगदीश प्रसाद मंडल को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

साहित्यकार जगदीश प्रसाद मंडल रचित मैथिली उपन्यास ‘पंगु' को वर्ष 2021 के साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने पर विद्यापति सेवा संस्थान ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी। संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि हिंदी और राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर जगदीश प्रसाद मंडल ने सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए साहित्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल कर एक मिसाल कायम की है। वे जिस प्रकार से किसानों की समस्या से लेकर साहित्य सृजन एवं समाजसेवा में तत्पर रहते आए हैं, यह निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है।

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पंडित कमला कांत झा ने कहा कि अपनी रचनाओं से जगदीश प्रसाद मंडल द्वारा मिथिला, मैथिली के विकास में निरंतर योगदान काबिले तारीफ है। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि जगदीश मंडल की रचनाओं ने हमेशा से मैथिली साहित्य के आकाश को इन्द्रधनुषी रंग प्रदान किया है, वे इस सम्मान के वाजिब हकदार हैं। बधाई देने वाले अन्य लोगों में संस्थान के सचिव प्रो जीवकांत मिश्र, मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा, महात्मा गांधी शिक्षक संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा, डॉ. महेंद्र नारायण राम, डॉ. गणेश कांत झा, डॉ. उदय कांत मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, आशीष चौधरी, चंदन सिंह, दुर्गानंद झा आदि शामिल हैं।

मधुबनी के जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव, प्रमुख शीला देवी, उप प्रमुख बंदना भारती, भजानंद झा भगत, विपिन गांधी, चंद्रकांत मिश्र, विद्या यादव सहित कई गणमान्य लोगों ने कहा कि यह समूचे मिथिलांचल का सम्मान है। इस बीच साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के मैथिली भाषा के पूर्व संयोजक एवं वर्तमान में सामान्य परिषद के सदस्य सह मैथिली भाषा परामर्श दात्री समिति के सदस्य डॉ. प्रेम मोहन मिश्रा ने श्री मंडल को पुरस्कार दिए जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार मैथिली भाषा के फलक का विस्तार करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार मैथिली भाषा पर जातीय परिधि में बंधे होने के आरोप का खंडन भी है। उन्होंने कहा कि आम साहित्य लेखकों को पुरस्कार मिलने से मैथिली में साहित्य लेखन में आम लोग भी आगे आएंगे।


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Ramanjot

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