''मासूम'' के कंधे पर घर की जिम्मेदारी... स्कूल की जगह दिव्यांग पिता को ठेले पर बैठाकर सेब बेचने को मजबूर

Thursday, Nov 24, 2022-05:17 PM (IST)

 

भागलपुरः बिहार के भागलपुर जिले से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां पर 9 साल के आमिर को स्कूल जाने से ज्यादा पेट की भूख मिटाने की चिंता है। उसे पढ़ने का शौक है लेकिन वह दिव्यांग पिता को ठेले पर बैठाकर फल बेचने को मजबूर है।

जानकारी के अनुसार यह तस्वीर भागलपुर के ईशाकचक से सामने आई है, जहां पर 12 नंबर गुमटी के रहने वाला 9 वर्षीय मोहम्मद अमीर स्कूल नहीं जा पा रहा है। वो स्कूल जाना चाहता है लेकिन पिता की दिव्यांग होने के चलते और पेट की भूख मिटाने की खातिर वो रोजाना पिता के साथ सेब बेचने निकल जाता है। अमीर अपने पिता को ठेले पर बैठाकर रोजना 5 से 6 किलोमीटर ठेला चलाकर घूम-घूमकर सेब बेचता है।

वहीं पिता मनीर को दिव्यांग होने के कारण सरकार की ओर से 400 रुपए मिलते हैं लेकिन उससे घर का गुजारा करना नामुमकिन है। बता दें कि दिव्यांग फल विक्रेता के 3 बच्चे हैं, एक लड़की और 2 लड़के। उनमें से एक बच्चा पढ़ने गया है जबकि दूसरा उनके साथ यहां आया है।


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Nitika

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