अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित, मत्स्य विपणन किट वितरण की प्रगति पर हुई चर्चा

Thursday, Jan 09, 2025-12:10 PM (IST)

पटना: पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में निदेशक मत्स्य, मत्स्य विभाग के अन्य पदाधिकारी, मत्स्य विपणन किट आपूर्तिकर्ता और एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य राज्य में मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना के तहत मत्स्य विपणन किट वितरण की अद्यतन प्रगति और आगामी लक्ष्यों पर चर्चा करना था।

बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2024-25 के दौरान मत्स्य विपणन किट वितरण के लिए कुल 14,032 लक्ष्यों में से अब तक बड़ी संख्या में लाभुकों को किट वितरित की जा चुकी है। इसके बावजूद शेष लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करने के लिए जिला मत्स्य पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 

लक्ष्य पूर्ति पर जोर 
अपर मुख्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे शीघ्रता से प्रत्येक जिले में शिविर लगाकर मत्स्य विपणन किट का वितरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य मत्स्य विक्रेताओं को सशक्त बनाना है, ताकि राज्य में मत्स्य व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके। 

आउटलेट स्थापना और किट की उपलब्धता 
आपूर्तिकर्ता और एजेंसियों के प्रतिनिधियों को प्रत्येक जिले में आउटलेट स्थापित करने का निर्देश दिया गया। इन आउटलेट्स में पर्याप्त संख्या में किट उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि जिला स्तर पर मांग के अनुरूप लाभुकों को समय पर किट की आपूर्ति की जा सके। 

अब तक की प्रगति 
बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक राज्य स्तर पर 13,565 लाभुकों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों की जांच तेजी से की जा रही है, ताकि पात्र लाभुकों को शीघ्र ही किट वितरित की जा सके। इसके अतिरिक्त, चयनित लाभुकों को वितरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए शिविर आयोजित करने की योजना बनाई गई है। 

योजना का उद्देश्य और लाभ 
मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना का उद्देश्य राज्य में मत्स्य व्यापार को प्रोत्साहित करना और लाभुकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत मिलने वाले विपणन किट में वे सभी आवश्यक उपकरण शामिल हैं, जो मत्स्य विक्रेताओं के व्यवसाय को सुगम और लाभप्रद बनाते हैं।  योजनांतर्गत शेष लक्ष्यों की पूर्ति के लिए विभागीय स्तर पर समन्वय को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। आपूर्तिकर्ताओं और एजेंसियों के साथ नियमित संवाद और समीक्षा के माध्यम से वितरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए कहा गया।  उन्होंने कहा कि इस योजना के सफल क्रियान्वयन से न केवल मत्स्य व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के मत्स्य उत्पादकों और विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी।


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Content Writer

Ramanjot

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