ग्रामीणों के दृंढ संकल्प से बिहार का यह पहला गांव बना नशामुक्त गांव, SP स्वर्ण प्रभात ने ग्रामीणों को किया सम्मानित

Monday, Dec 30, 2024-12:17 PM (IST)

पूर्वी चंपारण: बिहार सरकार के शराबबंदी कानून के बाबजूद भी प्रदेश में धड़ल्ले से शराब की खरीद फरोख्त की जाती है। लेकिन वहीं बिहार का ऐसा गांव जिसने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून की सशक्त रूप से पालना करते हुए राज्य में एक मिसाल प्रस्तुत की है। यह पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में स्थित रघुनाथपुर थाना क्षेत्र का लक्ष्मीपुर गांव है, जिसे शराबमुक्त-नशा मुक्त गांव का दर्जा प्राप्त हुआ है।

मोतिहारी पुलिस ने ग्रामीणों को किया सम्मानित
जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मीपुर गांव के सभी ग्रामीणों ने समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए एक संयुक्त शपथ ली है। गांव के सभी बड़े-बुजुर्ग, महिलाएं और युवाओं ने शराब न पीने, न बेचने तथा न ही बेचने देने का दृंढ संकल्प लिया। वहीं मोतिहारी पुलिस ने समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए की गई काबिल-ए- तारीफ पहल पर महिलाओं, बुजुर्गों और जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया। एसपी ने ग्रामीणों के बीच कंबल वितरण कर शराबमुक्त गांव बनाने पर धन्यवाद दिया। वही बच्चो को शराबमुक्त व नशामुक्त पीढ़ी के निर्माण में मदद करने के लिए टॉफी वितरण कर हौसला अफजाई की।

SP स्वर्ण प्रभात ने लोगों से की अपील
मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने कहा, "हमारा उद्देश्य पूरे जिले में शराब और नशे के खिलाफ एक सशक्त अभियान चलाना है। इस पहल से हमें प्रेरणा मिली है और हम आगे भी समाज को नशामुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। एसपी स्वर्ण प्रभात ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर सहयोग करें। उन्होंने कहा इस अभियान की सफलता के लिए जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। हम सभी मिलकर एक स्वस्थ और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।" 

गौरतलब है कि वर्ष 2023 में जहरीली शराब का सेवन करने से कई लोगों की मौत हो गई थी। वहीं आज यह गांव पुलिस और ग्रामीणों द्वारा चलाए गए नशे के खिलाफ अभियान से शराबमुक्त व नशामुक्त गांव बन गया। ग्रामीण अपनी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे है और अब इसे एक मिसाल के रूप में पूरे प्रदेश में पेश किया जा रहा है। 
 


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Harman

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