दस साल बाद मिला इंसाफ, नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 2 दोषियों को बीस-बीस साल की सजा
Saturday, May 17, 2025-04:06 PM (IST)

Darbhanga News: बिहार में दरभंगा जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में दो दोषियों को बीस-बीस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने 12 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के जुर्म में दो लोगों को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास और 25-25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अदालत ने महिला थानाकांड सं.08/16 से बने जीआर नं.5/16 की सुनवाई पूरी कर कमतौल थानाक्षेत्र के मालपट्टी निवासी मो. अंसार के पुत्र मो.सद्दाम उर्फ राजन तथा स्व. इदरीस का पुत्र पेन्टर को भारतीय दंड विधान (भादवि) की धारा 376 (डी) में बीस वर्षों का सश्रम कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड, धारा 506 में दो वर्षों का कारावास और पांच हजार रुपए तथा पॉक्सो एक्ट की धारा छह में 20 वर्षों का कठोर कारावास तथा 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने पीड़िता के सहायतार्थ बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत चार लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश पारित किया है। यह राशि पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा के माध्यम से भुगतान की जाएगी।
अभियोजन पक्ष का संचालन कर रहे विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार ने बताया कि 29 सितंबर 2015 की शाम एक नाबालिग बच्ची शौच के लिए गई थी, जहां दोनों दोषियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में पिता ने संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। बच्ची के पिता ने विवश होकर छह जनवरी 2016 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में नालिशी दायर कर न्याय का फरियाद की। अदालत के आदेश पर महिला थाने में इस घटना की प्राथमिकी दर्ज की गई।