Ganga Dussehra 2025: बिहार में गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी

Thursday, Jun 05, 2025-04:38 PM (IST)

Ganga Dussehra 2025: बिहार में गंगा दशहरा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने आज गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई तथा मंदिरों में पूजा-अर्चना की। सनातन धर्मावलंबियों के ज्येष्ठ मास के सबसे प्रमुख पर्व गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल दशमी में आज उत्तरफाल्गुनी एवं हस्त नक्षत्र के युग्म संयोग एवं वज्र योग में मनाया जा रहा है। 

वराह पुराण के अनुसार इसी दिन धरती पर वृष लग्न एवं हस्त नक्षत्र में मां गंगा का धरा पर अवतरण हुआ था। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा पृथ्वी पर शुध्दता और संपन्नता लेकर आयी थी। प्रभु श्रीराम ने रामेश्वरम में इसी दिन शिवलिंग की स्थापना की थी। गंगा नदी को देश की सबसे पवित्र नदी माना जाता है। इसे ‘मां गंगा' भी कहा जाता है। गंगा की महत्ता को देखते हुए ‘गंगा दशहरा' मनाया जाता है। गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाता है। 
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ऐसा माना जाता है कि इसी दिन गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था। इस दिन गंगा स्नान, गंगा जल का प्रयोग, और दान करना विशेष लाभकारी होता है। इस दिन गंगा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने से 10 पापों से छुटकारा मिल जाता है। इसलिए, लोग इकट्ठा होकर गंगा घाट पर पूजा करते हैं और फिर पानी में डुबकी लगाते हैं। गंगा आरती करने के लिए सैकड़ों पुजारी घाट पर एकत्र होते हैं। गंगा दशहरा भारत के कुछ अहम राज्यों में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है, ज्यादातर ऐसे राज्यों में यह मनाया जाता है जहां से गंगा हो कर जाती है।
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उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में गंगा दशहरा बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दसवें दिन ही गंगा धरती पर अवतरित हुईं थी। यह त्यौहार पूरे 10 दिन तक चलता है और दसवें दिन गंगा के किनारे गंगा जी की आरती, पूजन और कथा की जाती है।गंगा दशहरा पर्व को गंगा अवतरण भी कहा जाता है, हिन्दू मान्यताओं और पोराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन गंगा स्वर्ग से उतरकर धरती पर आई थी। पुराणों के अनुसार, गंगा पहले स्वर्ग में बहती थी। ऋषि भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर आने को मनाने के लिए वर्षों तक गहन ध्यान किया। और देवी के रूप में पृथ्वी पर लाया गया था। तब से ही उस दिन को ‘गंगा दशहरा' के तौर पर मनाया जाता है। 


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Ramanjot

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