बिहार में सफलतापूर्वक लागू पूर्ण शराबबंदी के अध्ययन के संबंध में आए छत्तीसगढ़ विधानमंडल दल के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने CM से की मुलाकात

3/10/2023 3:44:36 PM

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में बिहार में सफलतापूर्वक लागू पूर्ण शराबबंदी के अध्ययन के संबंध में आये हुये छतीसगढ़ विधानमंडल दल के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज मुलाकात की।
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इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल दल के अध्यक्ष, विधायक सत्यनारायण शर्मा ने मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार को पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री ने आए हुए प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों को अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने अध्ययन दल को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर किए गए प्रयासों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आप सभी का अभिनंदन और स्वागत करते हैं। 09 जुलाई, 2015 को महिलाओं के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसमें महिलाओं ने मांग करते हुए कहा था कि शराब बुरी चीज है, इसे बंद करायें। उस दौरान हमने कहा था कि चुनाव के बाद अगर हमारी सरकार बनी तो राज्य में हम शराबबंदी लागू करेंगे। चुनाव में जीत के बाद सरकार बनी और उसके बाद हमने 05 अप्रैल, 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। 

बिहार में शराबबंदी लागू की थी लेकिन...
उन्होंने कहा कि जब हम बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, उसी समय से हम शराब के खिलाफ रहे हैं। शराब का सेवन बहुत बुरी चीज है। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने अपने कार्यकाल में बिहार में शराबबंदी लागू की थी लेकिन उनके हटने के बाद यह खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से ही हम शराब के खिलाफ अभियान चलाते रहे हैं। शराब के कारोबार से राज्य को 5 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व के रुप में आमदनी हो रही थी लेकिन 10 हजार करोड़ रुपए लोगों का शराब पर खर्च हो रहा था। शराबबंदी लागू होने के बाद लोग उन पैसों का उपयोग अपनी जरुरत के लिए करने लगे। सब्जी, फल, दूध की बिक्री बढ़ी है। लोगों के खान-पान, शिक्षा, रहन-सहन में सुधार हुआ है। 
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शराबबंदी को लेकर हमलोग लगातार अभियान चला रहे हैं। सभी जिलों में जाकर हमने लोगों से मुलाकात की, बातें की। उस दौरान एक महिला ने आपबीती सुनाते हुए बताया था कि मेरे पति पहले शराब पीते थे, काम करते थे लेकिन घर पर पैसा लेकर नहीं आते थे, घर का माहौल खराब रहता था लेकिन शराबबंदी के बाद वे जब घर आते हैं तो बाजार से सब्जी सहित अन्य सामान लेकर आते हैं, खुश रहते हैं और अब घर का माहौल अच्छा रहता है। राज्य में कारोबार बेहतर हो रहा है। कुछ लोग कहते थे कि शराबबंदी के बाद राज्य में पर्यटक नहीं आएंगे लेकिन शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ी है। समाज में 90 प्रतिशत लोग सही होते हैं, 10 प्रतिशत लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं। राज्य में शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।

1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में सर्वे से जानकारी मिली कि 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। हाल ही में चाणक्या लॉ विश्वविद्यालय, पटना के सर्वे से पता चला है कि 1 करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। बिहार में 99 प्रतिशत महिलाएं तथा 92-93 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा शराबबंदी के बाद शराब कार्य से जुड़े हुए लोगों को काम छोड़ने पर उन्हें सतत् जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से मदद दी जा रही है, जिससे वे अन्य कार्यों से जुड़ रहे हैं और अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं। वातावरण में बदलाव देखने को मिल रहा है। ताड़ी की जगह नीरा का उत्पादन शुरु कराया गया है। नीरा स्वास्थ्य के लिए अच्छी चीज है। हमने स्वयं सहायता समूह बनाया और उसका नामकरण 'जीविका' किया। तत्कालीन केंद्र सरकार के मंत्री श्री जयराम रमेश बिहार आए और उन्होंने जीविका की काफी प्रशंसा की और पूरे देश में इसे 'आजीविका' नाम से शुरु किया गया। 

साइकिल योजना को देखने और जानने के लिए बाहर से लोग आए थे
बिहार में 10 लाख से अधिक सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिससे 1 करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए पोशाक और साइकिल योजना चलायी गई ताकि वे बेहतर ढंग से पढ़ाई कर सकें। साइकिल योजना को देखने और जानने के लिए बाहर से लोग आए थे। बिहार में विकास के काम भी तेजी से किए जा रहे हैं। हमलोगों ने कई बेहतर काम किये हैं। हमलोग काम में विश्वास करते हैं प्रचार-प्रसार में नहीं पटना में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार म्यूजियम बनाया गया है।


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Content Writer

Imran

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