जातीय जनगणना पर श्रेय लेने की मची होड़: BJP ने किया फैसले का स्वागत तो JDU ने CM नीतीश को दिया क्रेडिट
Thursday, Aug 03, 2023-12:52 PM (IST)

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): पटना उच्च न्यायालय के फैसले के बाद बिहार में जातिगत आधारित जनगणना को लेकर राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ लग गई है। कोई भी दल पीछे रहना नहीं चाहता। जातिगत जनगणना की प्रक्रिया बहुत हद तक पूरी की जा चुकी थी, लेकिन कोर्ट के रोक के बाद मामला अधर में लटक गया था। अब फिर से जातिगत जनगणना शुरू हो गई है। हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी इस काम में लग गए हैं।
BJP नेताओं ने किया फैसले का स्वागत
बीजेपी नेताओं ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना हो इसके लिए बीजेपी ने विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित करवाया था। जाति जनगणना पर बीजेपी का मत साफ था, इसलिए हम लोगों ने सरकार का हर दम साथ दिया लेकिन जातीय जनगणना पर कुछ माह के लिए हाईकोर्ट से रोक लगी और नीतीश सरकार की विफलता की वजह से लगी थी। वहीं इस मामले को लेकर महागठबंधन में भी श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का मानना है कि समाजवादियों की मांग रही है कि बिहार सहित पूरे देश में जातीय जनगणना हो, उस गणना के आधार पर सभी जाति के लिए सरकार योजना बनाएं। इस जाति जनगणना को लेकर पहली बार लालू प्रसाद यादव ने संसद में आवाज उठाई थी और केंद्र सरकार से मांग की थी कि पूरे देश में जाति जनगणना कराई जाए।
पूरे देश में होनी चाहए जातीय जनगणना: कांग्रेस
उधर, जेडीयू का मानना है कि बिहार में जातीय जनगणना का काम चल रहा है, उसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाना चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर लगातार प्रयास कर रहे थे वह प्रयास सफल भी रहा। कांग्रेस ने अब केंद्र सरकार से मांग की है कि बिहार मॉडल की तरह पूरे देश में जाति जनगणना का काम होना चाहिए, बिहार में जिस तरह से जातीय जनगणना का काम चल रहा है। इसी आधार पर पूरे देश में केंद्र सरकार को जातीय जनगणना का काम शुरू करना चाहिए।
वैसे जातीय जनगणना की पहल सबसे पहले लालू प्रसाद यादव ने की थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी आगे बढ़कर श्रेय लेने की जुगत में है। सवाल यह है कि जिस उद्देश्य से यह गणना की जा रही है, श्रेय लेने की होड़ में कहीं मूल्य मुद्दे गौण न हो जाए।