बेतियाः स्कूल में भवन न होने के कारण खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर बच्चे

9/22/2022 1:05:35 PM

बेतियाः शासन-प्रशासन विकास के लाख दावे करें, लेकिन हकीकत कोसों दूर हैं। नगर में शिक्षा की हालत बदतर है, स्कूली बच्चे खुले आसमान के नीचे एक खंडहर में पढ़ने को मजबूर हैं। ताजा मामला बिहार के बेतिया जिले के एक उर्दू विद्यालय का है, जहां पर स्कूली बच्चों को खुले आसमान के नीचे भवन के अभाव में पढ़ाने को शिक्षक मजबूर है। स्कूल मे केवल 2 कमरे, एक कार्यालय और एक रसोई घर है। वहीं छात्र-छात्राओं की संख्या 400 के करीब है।

बच्चों को पढ़ने में आती है समस्या
जानकारी के मुताबिक, मामला बेतिया जिले के प्रखंड क्षेत्र के इनारवा बाजार में संचालित राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय का है। छात्र-छात्राओं ने बताया कि पढ़ने में काफी समस्या आती है। एक साथ खुले आसामान के नीचे सारी क्लास लगती है, जिस कारण से बहुत शोर होता है। साथ ही बताया कि इस स्कूल में पढ़ाई अच्छी होती है और एमडीएम बिल्कुल सरकार के द्वारा संचालित मेनू के आधार पर भोजन तैयार किया जाता है। इसलिए हम इस स्कूल को छोड़ना नहीं चाहते है।

PunjabKesari

वरीय अधिकारियों को सूचना देने पर भी कोई पहल नहीं
वहीं प्रधानाध्यापक प्रेम कुमार ने बताया कि स्कूल में छात्र-छात्राओं को बैठने में जगह की कमी है। इसके लिए कई बार वरीय अधिकारियों को सूचना दी गई है। पर फिर भी कोई पहल नहीं हो पाई है। साथ ही उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में छात्र-छात्राएं दीवार का सहारा लेकर खड़े होकर पढ़ते है। वहीं स्कूल भवन की कमी से जूझ रहा है।

सरकार की शिक्षा नीतियों को लग रहा पलीता
बता दें कि सरकार की शिक्षा का अधिकार, सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है, लेकिन शासन प्रशासन आंख-कान मूंद कर बैठा है, न बेंच है, न भवन है। खुले आसमां के नीचे पढ़ने का आसियां हैं। यही है हमारे शिक्षण संस्थानों की तस्वीर, जो सरकार के सुशासन के नारे को चिढ़ा रही है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Swati Sharma

Recommended News

Related News

static