Darbhanga News...बाल्यकाल किसी भाषा को सीखने की सबसे अच्छी अवस्था: डॉ. घनश्याम महतो

Thursday, Feb 29, 2024-10:42 AM (IST)

दरभंगा: बिहार के प्रतिष्ठित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. घनश्याम महतो ने कहा कि बाल्यकाल किसी भाषा को सीखने की सबसे अच्छी अवस्था होती है।

"संस्कृत शिविर से बच्चे संस्कारवान तथा सुसंस्कृत बनेंगे"
डॉ. घनश्याम ने विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के सौजन्य से संचालित‘अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र के तत्वावधान में स्थानीय 'ज्ञान सरिता पब्लिक स्कूल, कादिराबाद, दरभंगा' में 28 फरवरी से 8 मार्च, 2024 तक ऑफलाइन एवं ऑनलाइन मोड में आयोजित 10 दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आयोजित शिविर की उपयोगिता निकट भविष्य में परिलक्षित होगी, क्योंकि इससे सहभागी न केवल संस्कृत में बोलना सीखेंगे, बल्कि उन्हें संस्कृत भाषा- साहित्य का भी बेहतर ज्ञान हो सकेगा। संस्कृत शिविर से बच्चे संस्कारवान तथा सुसंस्कृत भी बनेंगे। आज इसरो एवं नासा आदि के वैज्ञानिक भी संस्कृत का अध्ययन कर रहे हैं, क्योंकि संस्कृत वैज्ञानिक एवं मौलिक ज्ञान- विज्ञान की भाषा है।                      

संस्कृत भाषा हमें संस्कार एवं संस्कृति सिखाती हैः  प्राचार्य अमरनाथ साह
अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य अमरनाथ साह ने कहा कि संस्कृत भाषा हमें संस्कार एवं संस्कृति सिखाती है। इसका साहित्य अति विशाल, सर्वव्यापक एवं अनुपम निधि है। उन्होंने कहा कि शिविर से विद्यालय में बने बेहतर माहौल, प्रतिभागियों की लगन एवं परिश्रम से मात्र 10 दिनों में ही संस्कृत में सरल वार्तालाप अवश्य ही सीख जाएंगे। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दरभंगा के सह जिला बौद्धिक प्रमुख ओम प्रकाश ने कहा कि संस्कृत सीखने में प्रारंभ में ही थोड़ी कठिनाई अवश्य होती है, पर बाद में बहुत ही आसान लगता है। कम मेहनत में भी संस्कृत में अधिक अंक प्राप्त किया जा सकता है। संस्कृत बोलने- सुनने तथा श्लोक वचन से अच्छा व्यायाम होता है और हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

शिविर के संयोजक डॉ. आर एन चौरसिया ने कहा कि संस्कृत में रचित एक लाख से अधिक पुस्तकों में मानव की सभी महत्वपूर्ण जीवनोपयोगी बातें वर्णित हैं। संस्कृत ग्रंथों में हमारे पूर्वजों की पीढ़ियों का अनुभव, ज्ञान- विज्ञान एवं जरूरी सीखें निहित हैं। शिविर के प्रशिक्षक अमित कुमार झा ने कहा कि यहां के छात्रों में संस्कृत के प्रति काफी रुचि दिख रही है। यही कारण है कि यहां 10 दिवसीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है जो काफी सफल भी होगा।


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Content Editor

Swati Sharma

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