NGT द्वारा 4,000 करोड़ का जुर्माना लगने पर BUIDCO ने कहा- बिहार सरकार पर कोई अर्थदंड नहीं लगाया गया...

5/6/2023 4:54:15 PM

पटनाः राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ठोस और तरल कचरे का वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन करने में नाकाम रहने के लिए बिहार पर 4,000 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है। वहीं इस पर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (BUIDCO)  का कहना है कि NGT द्वारा राज्य सरकार पर कोई अर्थदंड नहीं लगाया गया है, बल्कि अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों हेतु उक्त राशि का प्रावधान कर अलग खाते में रखकर उपयोग करने का आदेश दिया गया है, जिससे ठोस एवं तरल अपशिष्ट के उपचार कार्य संबंधी योजनाएं तीव्र गति से की जा सके। 

841.6 MLD क्षमता के STP की योजनाएं स्वीकृत
BUIDCO का कहना है कि NGT द्वारा अन्य राज्यों को भी अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों को तीव्र गति से कराने हेतु इसी प्रकार "Ring Fenced Account" खोलकर उसमें चिन्हित राशि रखने एवं योजनाओं को पूर्ण करने का आदेश दिया गया है। निगम  का कहना है कि  बिहार में तरल अपशिष्ट के उपचार हेतु पर्तमान में शहरी क्षेत्रों में कुल 841.6 MLD क्षमता के Sewage Treatment Plant (STP) की योजनाएं स्वीकृत हैं एवं 373.3 MLD क्षमता के Sewage Treatment Plant (STP) का DPR तैयार कर NMCG को स्वीकृति हेतु भेजी गई है। पटना के अतिरिक्त बिहार के अन्य शहरों यथा- बेगूसराय, मुंगेर, हाजीपुर छपरा, मुजपफरपुर और बिहारशरीफ में भी STP निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। दिसम्बर 2023 तक कुल अतिरिक्त 170.5 MLD क्षमता के STP का निर्माण पूर्ण हो जाएगा जिससे तरल अपशिष्ट के उपचार में बढ़ोत्तरी होगी। 

राजगीर में 10 MLD क्षमता के STP का निर्माण
राज्य सरकार द्वारा राज्य योजना मद से राजगीर में 10 MLD क्षमता के STP का निर्माण कराया गया है एवं बोधगया में 10 MLD क्षमता के STP का निर्माण कराया जा रहा है, जो अंतिम चरण में है। बिहार राज्य के अन्य महत्वपूर्ण शहर गया, बेतिया आरा और कटिहार में भी तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु STP का DPR तैयार कर NMCG से स्वीकृति हेतु अनुरोध किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य में शेष 76 छोटे शहरों में राज्य योजना मद एवं अन्य योजना मद से Fecal Studge Treatment Plant (FSTP) के माध्यम से Septage Management करने की योजना तैयार की जा रही है।

बता दें कि एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने निर्देश दिया कि जुर्माने की राशि दो महीने के भीतर ‘रिंग-फेंस खाते' में जमा कराई जाए और मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार इसका इस्तेमाल राज्य में सिर्फ अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किया जाए। रिंग-फेंस खाते में जमा राशि के एक हिस्से को विशिष्ट उद्देश्य के लिए आरक्षित रखा जाता है। 


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Content Writer

Ramanjot

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