Bihar Hindi News: अब फिल्मों में भी दिखेगा बिहार का दम,  19 दिसंबर को रिलीज होगी खास फिल्म

Wednesday, Dec 17, 2025-07:49 PM (IST)

Bihar Latest New: भारतीय सिनेमा में बिहार की भूमिका अब सिर्फ लोकेशन तक ही सीमित नहीं रही। बल्कि, अब इससे कहीं आगे कहानी, अभिनय, लोकेशन और तकनीकी प्रतिभा के स्तर पर अपनी सशक्त पहचान बना रहा है। इस महीने में आगामी 19 तारीख को फिल्म ‘दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी’ रिलीज होने जा रही है। बिहारी परिवेश से जुड़ी इस फिल्म के र्निदेशक सिद्धांत राज सिंह ने रूपहले पर्दे पर रिश्तों, परंपराओं और बदलती सामाजिक जरूरतों पर बिना उपदेश दिए सोचने का अवसर देती है।  

हिंदी सिनेमा की कई चर्चित और समीक्षकों ने इस फिल्म की जमकर सराहना की है। बिहार को इसमें कहानी का केंद्र बनाया गया है। गैंग्स ऑफ वासेपुर, मसान, सोनचिरैया जैसी फिल्मे तथा वेब सीरीज ‘पंचायत’ और ‘मिर्जापुर’ ने बिहार के सामाजिक ताने-बाने, बोली-बानी और जीवनशैली को प्रामाणिक ढंग से प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों ने यह साबित किया कि बिहार की जमीन कहानियों से भरपूर है। 

बिहार की सबसे बड़ी उपलब्धि इसकी मानवीय प्रतिभा है। मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा, इम्तियाज अली और प्रकाश झा जैसे नामों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बिहार का गौरव बढ़ाया है। इन कलाकारों और निदेशकों ने अपने काम से यह सिद्ध किया कि सीमित संसाधनों के बावजूद बिहार की रचनात्मक शक्ति असाधारण है। अभिनय में सहजता, संवाद अदायगी में लोक-संवेदना और निर्देशन में सामाजिक चेतना बिहार की पहचान बन चुकी है।

राज्य सरकार की ओर से भी फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। बिहार फिल्म नीति के तहत फिल्म निर्माताओं को सब्सिडी, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और शूटिंग में प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है। पटना, राजगीर, नालंदा, वैशाली, गया और कैमूर जैसे ऐतिहासिक व प्राकृतिक स्थलों को फिल्म शूटिंग के लिए आकर्षक लोकेशन के रूप में विकसित किया गया है। इससे न केवल फिल्मों की शूटिंग बिहार में बढ़ी है, बल्कि स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं।
      
बिहार में क्षेत्रीय सिनेमा, विशेषकर भोजपुरी फिल्म उद्योग ने भी अपनी पहचान को सुदृढ़ किया है। अब भोजपुरी सिनेमा केवल मनोरंजन तक सीमित न रहकर सामाजिक विषयों, महिला सशक्तिकरण और प्रवासी जीवन जैसे मुद्दों को भी छू रहा है। कई भोजपुरी फिल्मों और कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी मिली है। 

अभी 19 दिसंबर को रिलीज हो रही फिल्म ‘दुर्लभ प्रसाद की दूसरी शादी’ के निर्देशक सिद्धान्त राज सिंह भी बिहार से ही ताल्लुक रखते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश :- 

यह मूवी किस उद्देश्य से बनायी गई है?

यह फिल्म एक जमीनी और संवेदनशील सामाजिक मुद्दे को हल्के-फुल्के हास्य के साथ सामने लाने के उद्देश्य से बनायी गई है। कहानी उस अनोखी परिस्थिति से जन्म लेती है जहां शादी के लिए केवल लड़का–लड़की ही नहीं, बल्कि लड़के के घर में एक महिला की मौजूदगी भी एक जरूरी शर्त बन जाती है। फिल्म रिश्तों, परंपराओं और बदलती सामाजिक जरूरतों पर बिना उपदेश दिए सोचने का अवसर देती है।

इसकी शूटिंग कहाँ हुई है?

फिल्म की शूटिंग प्रमुख रूप से वाराणसी में हुई है। वाराणसी की गलियां, घाट और वहां की जीवनशैली फिल्म की कहानी को एक सजीव और भावनात्मक पृष्ठभूमि प्रदान करती हैं।

इसमें बिहार को कितनी प्रधानता दी गई है?

हालांकि शूटिंग वाराणसी में हुई है, लेकिन फिल्म की आत्मा पूरी तरह बिहार की मिट्टी और सोच से जुड़ी हुई है। फिल्म से जुड़े कई प्रमुख लोग बिहार से हैं, संजय मिश्रा जी, प्रवीण सिंह सिसोदिया जी, और मैं स्वयं निर्देशक सिद्धांत राज सिंह, बिहार से हूं। मेरी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल तिलैया से हुई है। इसी वजह से फिल्म की भाषा, रिश्तों की समझ, पारिवारिक मूल्य और सामाजिक ढांचा बिहार की संवेदनशीलता को ईमानदारी से दर्शाता है।

 इस फिल्म के अभिनेता- अभिनेत्री कौन हैं?

फिल्म में संजय मिश्रा, महिमा चौधरी, प्रवीण सिंह सिसोदिया, श्रीकांत वर्मा, व्योम, पल्लक लालवानी, नवनी परिहार, आभा शर्मा, धीरेन्द्र यादव और विशाखा पांडे ने मुख्य किरदार निभाए हैं।


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Content Writer

Ramanjot

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