बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश: सासाराम और जयनगर के अंचल अधिकारी हटाए गए
Tuesday, May 27, 2025-07:05 PM (IST)

पटना: मधुबनी के जयनगर अंचल के अंचल निरीक्षक की 3 लाख रुपये रिश्वत लेते एवं सासाराम सदर अंचल के डाटा इंट्री ऑपरेटर की 1.10 लाख रुपये घूस लेते हुई गिरफ्तारी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने गंभीरता से लिया है। जमीन के दाखिल-खारिज के मामलों को लेकर मधुबनी-सासाराम में कर्मियों द्वारा की गई सौदेबाजी के बाद हुई गिरफ्तारी के उपरांत दोनों जगह के अंचल अधिकारी पर गाज गिरी है। सासाराम सदर के अंचल अधिकारी सुधीर कुमार ओंकारा और जयनगर की अंचल अधिकारी कुमारी सुजाता को पटना मुख्यालय में प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। दोनों जिलों के जिला समाहर्त्ता को दोनों अधिकारियों की जगह दूसरे अधिकारी की प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया गया है।
शनिवार 24 मई को सासाराम सदर अंचल के डाटा इंट्री ऑपरेटर को पटना की निगरानी विभाग की टीम ने 1.10 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। वहीं, मधुबनी के जयनगर में अंचल निरीक्षक अजय मंडल को पटना निगरानी की टीम ने 3 लाख रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था।
जयनगर के सर्किल इंस्पेक्टर अजय मंडल ने दो कट्ठा जमीन की दाखिल-खारिज के लिए भूमि मालिक से बीस लाख रुपये घूस की मांग की थी। निगरानी डीएसपी सुजीत सागर ने बताया था कि इसमें अकेले सीआई नहीं है। राजस्व कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं। जिसकी जांच की जा रही है।
वहीं सासाराम सदर अंचल कार्यालय में कार्यरत डाटा ऑपरेटर आकाश कुमार दास को निगरानी की टीम ने एक लाख 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सासाराम के प्रतापगढ़ के युवक पंकज कुमार ने निगरानी को सूचना दी थी कि एक दाखिल-खारिज के मामले में डीसीएलआर के आदेश के बावजूद सासाराम के अंचल अधिकारी दाखिल-खारिज नहीं कर रहे थे। उसके बदले एक लाख 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि राज्य सरकार का भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है। भ्रष्टाचार को किसी भी परिस्थिति और किसी भी रूप में बर्दास्त नहीं किया जा सकता। सरावगी ने कहा कि दोनों अंचल अधिकारियों को अंचल कार्यालयों से हटाकर पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। उनपर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।