Bihar Mid Day Meal Pilot Project: मिड डे मील को लेकर शिक्षा विभाग ने उठाया बड़ा कदम, अब प्रधानाध्यापक को हर रोज करना होगा ये काम

Wednesday, Apr 30, 2025-10:41 PM (IST)

पटना: बिहार के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब मिड-डे मील योजना (मध्याह्न भोजन योजना) के संचालन की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक के बजाय किसी अन्य नामित शिक्षक को सौंपी जाएगी। इस व्यवस्था की शुरुआत 13 मई से 13 जून, 2025 तक राज्य के प्रत्येक जिले के एक-एक प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जाएगी।

इस निर्णय का मकसद यह है कि प्रधानाध्यापक अपना समय केवल शैक्षणिक गतिविधियों पर केंद्रित कर सकें और उन्हें भोजन योजना जैसे प्रशासनिक कार्यों से मुक्त रखा जाए। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं।

पायलट प्रोजेक्ट की प्रमुख बातें:

प्रधानाध्यापक होंगे मिड-डे मील से मुक्त: अब इस योजना की पूरी जिम्मेदारी किसी अन्य शिक्षक को दी जाएगी।

तीन घंटी ही पढ़ाएंगे प्रभारी शिक्षक: मध्याह्न भोजन प्रभारी शिक्षक से बाकी समय केवल तीन कक्षाओं का शिक्षण कार्य लिया जाएगा।

प्रभारी शिक्षक का मुख्य कार्य: छात्रों की उपस्थिति की फोटो, भोजन की गुणवत्ता की निगरानी, फोटो रिकॉर्ड संधारण, लेखा-जोखा तैयार करना और ई-शिक्षाकोष पर डेटा अपलोड करना होगा।

बैंक खाता संचालन में बदलाव: अब विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव के साथ-साथ प्रभारी शिक्षक भी बैंक संचालन में साझेदार होंगे।

मूल्यांकन होगा रीयल टाइम में: इस पायलट प्रोजेक्ट का "concurrent evaluation" किया जाएगा ताकि इसके प्रभावों का सही आकलन हो सके।

कारण और पृष्ठभूमि:

निरीक्षणों में यह सामने आया है कि प्रधानाध्यापक/प्रधान शिक्षक का अधिकांश समय मिड-डे मील की व्यवस्था में खर्च हो रहा था, जिससे पढ़ाई पर असर पड़ रहा था। इसके अलावा, समय-समय पर योजना को लेकर विवाद की स्थिति भी उत्पन्न होती रही है। इस नई प्रणाली से न केवल विवाद कम होंगे, बल्कि शिक्षण कार्यों में भी सुधार की उम्मीद है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static