सरकार ने दी है बिजली सस्ती, टैक्स फ्री और करोड़ों की मदद का उपहार जानिए नई औद्योगिक क्रांति की कहानी
Wednesday, Aug 13, 2025-09:41 PM (IST)

पटना:बिहार अब सिर्फ कृषि और अपनी विशेष फसलों के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि अब उसकी पहचान टेक्सटाइल और लेदर उद्योग नीति के लिए भी होगी। टेक्सटाइल नीति अब बिहार को नए हब के रूप में विकसित करने में मददगार होने वाली है। जो इसे नई पहचान देगा। राज्य सरकार की ‘बिहार टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी’ निवेशकों के लिए बड़े मौके और युवाओं के लिए रोजगार की नई लहर लेकर आई है।
उद्योग स्थापना के प्रावधान उपहार से कम नहीं
बिहार सरकार की ये नीति बिहार में उद्योग लगाने वालों के लिए उपहार से कम नहीं है। इसके तहत प्लांट और मशीनरी पर 30 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। सरकार ने ये यह तय किया है कि 30 फीसद अनुदान के तहत अधिकतम 30 करोड़ रुपये का पूंजीगत अनुदान दिया जाएगा। जो बिहार में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्योगपतियों के उद्योग स्थापना में मददगार होगा। इसके अलावा बिहार में उद्योग लगाने वालों के लिए ब्याज दर में रियायत दी गई है। इस रियायत के तहत 10-12 फीसद तक की छूट दी जा रही है।
एफसीआई और पमेंट पर भी अनुदान
टेक्सटाइल और लेदर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एफसीआई पर भी 50 फीसद की रियायत या 20 करोड़ रुपये तक के अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 10 लाख रुपये तक पेटेंट अनुदान दिया जाएगा। सरकार का यह दांव सिर्फ उद्योगों को ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति देने वाला साबित हो सकता है।
100 फीसद स्टेट जीएसटी और बिजली में भी छूट
बिहार में उद्योगों की स्थापना हो, इसके लिए सरकार ने बिजली बिल में भी देने का प्रवाधान किया है। बिजली पर राहत देते हुए उद्योगों को 2 रुपये प्रति यूनिट की छूट दी गई है। साथ ही, 100 फीसद एसजीएसटी और स्टाम्प ड्यूटी भी मुफ्त किया गया है।
पंजीकरण और भूमि समपरिवर्तन बंपर छूट
बिहार सरकार ने रोजगार सृजन के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। इसके लिए सराकर की कोशिश ये है कि यहां ज्यादा से ज्यादा उद्योगों की स्थापना हो। इसके लिए पंजीकरण शुल्क और भूमि समपरिवर्तन शुल्क पर पूरी छूट दी है। इसके अलावा माल ढुलाई पर भी हर साल 10 लाख रुपये तक प्रतिपूर्ति का प्रवाधान किया है।
ईएसआइ और पीएफ पर 300 फीसद की प्रतिपूर्ति
सरकार की कोशिश कर्मचारियों की सुरक्षा भी है। जिसके तहत पीएफ और ईएसआइ भुगतान पर भी 300 फीसद प्रतिपूर्ति और प्रति कर्मचारी 5000 रुपये मासिक सहायता देने की योजना बनाई है। उद्योग विभाग का मानना है कि इन प्रावधानों से बिहार में निवेश का माहौल मजबूत होगा और हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।