Bihar Govt Formation: BJP-JDU में स्पीकर पद को लेकर फंसा पेंच, सरकार गठन से पहले दिल्ली पहुंचे ललन सिंह और संजय झा
Tuesday, Nov 18, 2025-10:14 AM (IST)
Bihar Govt Formation: जैसे ही एनडीए (NDA) पटना में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों में जुटी है, सोमवार देर रात अचानक हुए राजनीतिक घटनाक्रम ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। ऐसी खबर है कि भाजपा और जदयू में स्पीकर पद को लेकर पेंच फंसा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) और जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा (Sanjay Jha) अप्रत्याशित रूप से एक चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
19 नवंबर को होगी NDA विधायक दल की बैठक
सूत्रों के अनुसार, दोनों वरिष्ठ जेडीयू नेताओं को भाजपा आलाकमान ने दिल्ली बुलाया था। उनके अचानक चले जाने से यह सवाल उठने लगा है कि क्या नई सरकार के गठन में आखिरी समय में कोई अड़चन आई है। हालांकि, पटना हवाई अड्डे पर मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे गए सवालों पर न तो ललन सिंह और न ही संजय झा ने कोई टिप्पणी की। इस बीच, बिहार में सरकार गठन की कोशिशें तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। एनडीए विधायक दल की बैठक 19 नवंबर को होगी, जिसमें गठबंधन औपचारिक रूप से अपने नेता का चुनाव करेगा। उसी दिन 17वीं बिहार विधानसभा भंग हो जाएगी।
20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह
20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा। यह एक भव्य समारोह होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कई प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट सचिवालय में कैबिनेट की अंतिम बैठक हुई। कैबिनेट बैठक के दौरान दो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। कैबिनेट बैठक केवल 15 मिनट तक चली और तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद, नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ राजभवन गए और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को कैबिनेट की सिफारिशें सौंपीं। नीतीश ने अपने आवास लौटने से पहले राजभवन में लगभग 22 मिनट बिताए। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ आगे की चर्चा की, जिससे जदयू के प्रमुख नेताओं के अचानक दिल्ली दौरे से पैदा हुई राजनीतिक हलचल और बढ़ गई।

