Basant Panchami 2025: 144 वर्षों बाद बन रहा एक अद्वितीय पंचग्रही योग, मां सरस्वती की पूजा करना होगा अत्यंत फलदायक
Monday, Feb 03, 2025-11:43 AM (IST)
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का त्योहार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष अबूझ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा होगी। यह योग 144 साल बाद बन रहा है। आइए, जानते हैं पूजा का विशेष महत्व और शुभ मुहूर्त...
144 वर्षों बाद बन रहा यह योग ।। सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त ।। Saraswati Pooja
बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त को लेकर ज्योतिषाचार्य पुनीत आलोक छवि ने बताया कि 3 फरवरी 2025 को प्रातः काल से शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा। यह मुहूर्त 3:24 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:28 बजे तक रहेगा। इसके बाद, संध्या काल में 4:00 बजे से 6:30 बजे तक एक और विशेष मुहूर्त रहेगा, जो पूजा और आराधना के लिए फलदायक होगा। इतना ही नहीं, इस बार बसंत पंचमी पर एक अद्वितीय पंचग्रही योग बनेगा, जिसमें सभी ग्रह एक सीधी रेखा में होंगे। यह योग 144 वर्षों बाद बन रहा है, और इस समय मां सरस्वती के स्वरूप की पूजा करना अत्यंत फलदायक रहेगा।
इस दिन से होती है बसंत ऋतु की शुरुआत ।। Basant Panchami Puja
बता दें कि माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है। इस दिन को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। बसंत पंचमी का दिन सभी शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसी कारण से बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त के नाम से प्रसिद्ध है और नवीन कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इस दिन मां सरस्वती को बुंदिया, मिश्रीकंद, बैर और लड्डू का भोग अर्पित किया जाता है, क्योंकि पीला रंग देवी को अत्यधिक प्रिय माना जाता है।