Nautapa 2025: भीषण गर्मी का आगाज़! जानिए नौतपा की तारीख, महत्व, असर और बचाव के उपाय

Wednesday, May 21, 2025-12:19 PM (IST)

Nautapa 2025: गर्मी का असली रंग जब आसमान से अंगारे बरसाने लगे, तो समझ जाइए कि ‘नौतपा’ शुरू हो चुका है। यह समय हर साल सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ शुरू होता है, जब सूर्य देव पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं और उनकी किरणें सीधी एवं प्रचंड होती हैं। इस नौ दिन की तपिश को Heatwave Season का चरम कहा जाता है।

आइए जानें कि नौतपा 2025 कब शुरू हो रहा है, इसका ज्योतिषीय और पौराणिक महत्व क्या है, और इस दौरान क्या करना चाहिए ताकि आप इस जलते मौसम में सुरक्षित रह सकें।

क्या है नौतपा? (What is Nautapa?)

नौतपा (या नवतपा) वो समय होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। यह हर साल मई या जून में आता है और इसका असर पूरे उत्तर भारत में साफ महसूस होता है। इस अवधि में सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर गिरती हैं जिससे Temperature at Peak होता है।

ज्योतिष के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र शुक्र ग्रह का होता है और शुक्र व सूर्य परस्पर शत्रु माने जाते हैं। ऐसे में जब ये दोनों एक नक्षत्र में होते हैं, तो प्रकृति का तापमान असहनीय हो उठता है।

Nautapa 2025: कब से कब तक रहेगा नौतपा?

  • शुरुआत: 25 मई 2025, सुबह 3:15 बजे से
  • समाप्ति: 3 जून 2025 (कुछ पंचांगों में 8 जून तक)
  • सूर्य का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश: 8 जून 2025, दोपहर 1:04 बजे
  • Mithun Rashi प्रवेश: 15 जून 2025

 Note: नौतपा के दौरान अगर बारिश या ठंडी हवा न चले तो यह Good Monsoon Signal माना जाता है।

इतनी गर्मी क्यों होती है नौतपा में?

  • सूर्य का पृथ्वी के अत्यधिक करीब होना
  • सूर्य की सीधी लम्बवत किरणें
  • रोहिणी नक्षत्र का शुक्र प्रभाव और सूर्य का उग्र रूप
  • गर्मी का ज्येष्ठ मास में होना, जब Evaporation Maximum होता है
  • ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यदि नौतपा में गर्मी चरम पर हो, तो यह संकेत देता है कि मानसून भरपूर वर्षा लाएगा।

Nautapa: मानसून का गर्भकाल

नौतपा को ‘गर्भाधान काल’ भी कहा जाता है, क्योंकि यही वह समय होता है जब Monsoon Formation शुरू होता है। सूर्य और रोहिणी नक्षत्र के जल तत्व का मिलन वर्षा की नींव रखता है। यदि नौतपा "पूरा तपे", तो यह मानसून के लिए शुभ संकेत होता है।

Nautapa Tips: कैसे करें इस गर्मी का सामना?

क्या करें:

  • खूब पानी, नारियल पानी, छाछ, जलजीरा और जूस पिएं (Stay Hydrated)
  • सुबह या शाम को बाहर निकलें, धूप में छाया ढूंढें
  • ढीले और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें
  • घर से निकलते वक्त सिर ढकें और सनस्क्रीन लगाएं
  • मेहंदी लगाएं, जिससे Body Cooling Effect मिलता है
  • नियमित सूर्य अर्घ्य दें:
  • ऊं घृणि सूर्याय नमः का जप करें

क्या न करें:

  • दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचें
  • तेज धूप में लंबी यात्रा या शारीरिक मेहनत से बचें
  • ज्यादा तैलीय और मसालेदार चीजों से परहेज़ करें

सूर्य की पूजा और परंपरा

सनातन संस्कृति में सूर्य को जीवनदाता माना गया है। नौतपा में सूर्य की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। पारंपरिक मान्यता है कि इन दिनों जल दान, छाया दान और ठंडी चीजों का दान करने से पुण्य मिलता है।

Astro Alert: ज्योतिषीय दृष्टिकोण से नौतपा

  • यह समय सूर्य-शुक्र संघर्ष का प्रतीक है, जिससे Nature’s Balance अस्थिर हो सकता है
  • वृष राशि वालों के लिए यह समय अशुभ फल दे सकता है
  • देश के पूर्व, पश्चिम और दक्षिणी हिस्सों में Natural Disasters Possibility से इनकार नहीं किया जा सकता

Impact: क्या कहता है विज्ञान?

खगोलशास्त्रियों के अनुसार, इस दौरान सूर्य की UV Rays ज्यादा तीव्र होती हैं और Direct Solar Radiation के कारण वातावरण में गर्मी का स्तर उच्चतम पहुंचता है। इसके साथ ही, संक्रमण कम होते हैं और वातावरण शुद्ध होता है।

Monsoon Forecast Link: नौतपा और वर्षा का संबंध

  • "अगर नौतपा में बादल न गरजें, न बारिश हो, तो मानसून में अच्छी वर्षा के आसार होते हैं।"
  • "यदि नौतपा के दौरान बरसात हो जाए तो इसे ‘रोहिणी का गलना’ कहते हैं, जो वर्षा के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती।"

नौतपा केवल एक मौसम नहीं, यह एक Astro-Meteorological Event है, जो आने वाली बारिश, फसल और जलवायु परिवर्तन की नींव रखता है। इसलिए इस दौरान संयम, सतर्कता और प्राकृतिक नियमों के अनुसार जीवनशैली को ढालना ज़रूरी है।


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Content Writer

Ramanjot

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