Amour Vidhan Sabha Seat: अमौर में कुल्हैया वोटरों के फेर में फंस गए हैं AIMIM के अख्तरुल ईमान ।। Bihar Election 2025
Saturday, Nov 08, 2025-05:01 PM (IST)
Amour Vidhan Sabha Seat: बिहार में पहले चरण के विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में लोगों ने बंपर मतदान कर सबको चौंका दिया है। 11 नवंबर को बिहार में दूसरे चरण का चुनाव होगा। दूसरे चरण में बिहार के 20 जिलों की एक सौ 22 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। 14 नवंबर को ये पता चल जाएगा कि बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर कौन राजनेता अगले पांच साल के लिए आसीन होगा।
अमौर विधानसभा सीट पर वैसे 11 नवंबर को मतदान होगा। गौरतलब है कि 2020 के चुनाव में अमौर में मजलिस कैंडिडेट अख्तरुल ईमान ने जीत का परचम लहराया था। अख्तरुल ईमान ने 94 हजार चार सौ 59 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे तो जेडीयू कैंडिडेट सबा जफर 41 हजार नौ सौ 44 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से अख्तरुल ईमान ने सबा जफर को 52 हजार पांच सौ 15 वोट के बड़े मार्जिन से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस कैंडिडेट अब्दुल जलील मस्तान 31 हजार आठ सौ 63 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में अमौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने मजलिस को पीछे छोड़ दिया था। अमौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने मजलिस को 21 हजार सात सौ 37 वोट के अंतर से पछाड़ दिया था।
कुल्हैया बनाम सुरजापुरी मुस्लिमों की राजनीति ।। Amour Assembly Seat
हालांकि इस बार अमौर विधानसभा सीट पर कुल्हैया मुस्लिमों के विरोध का सामना अख्तरुल ईमान को करना पड़ सकता है। चूंकि अख्तरुल ईमान और अब्दुल जलील मस्तान सुरजापुरी मुस्लिम समाज के नेता हैं जबकि जेडीयू उम्मीदवार सबा जफर कुल्हैया मुसलमान हैं। इसलिए कुल्हैया मुसलमानों का सीधा झुकाव सबा जफर की तरफ हो सकता है। गौरतलब है कि अमौर की राजनीति में सुरजापुरी और कुल्हैया दोनों उपजातियां मजबूत फैक्टर है। अमौर सीट पर कुल्हैया वोटरों की आबादी करीब 1 लाख 20 हजार बताई जाती है। अगर कुल्हैया मुस्लिमों के साथ तीस फीसदी हिंदुओं का वोट सबा जफर के पाले में जाता है तो यहां पर तीर, पतंग को उड़ने से पहले ही गिरा देगा। वहीं बंगाली मुस्लिमों का रुझान भी कांग्रेस की तरफ है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अख्तरुल ईमान को अपनी अमौर सीट को बचाने में कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
2024 के आंकड़े बढ़ा रहे Akhtarul Iman की परेशानी
2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े भी अख्तरुल ईमान की परेशानी को बढ़ा रहा है। लोकसभा चुनाव में अमौर विधानसभा सीट पर अख्तरुल ईमान 21 हजार सात सौ 37 वोट से पिछड़ गए थे यानी अमौर सीट पर कांग्रेस ने लीड हासिल कर ली थी। लेकिन इस बार कुल्हैया मुसलमान और हिंदू वोटरों का साथ अगर सबा जफर को मिला तो बिहार में ओवैसी के सिपहसालार अख्तरुल ईमान का पटना पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि 14 तारीख को ही ये पता चलेगा कि अमौर की जनता ने किस उम्मीदवार को अपना आशीर्वाद दिया है।

