Chhapra Assembly Seat: छपरा विधानसभा सीट पर RJD और BJP में होगी कड़ी टक्कर ।। Bihar Election 2025
Friday, Jun 13, 2025-06:07 PM (IST)
Chhapra Assembly Seat: छपरा विधानसभा सीट महाराजगंज लोकसभा के तहत आता है। 1957 में ही छपरा सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट प्रभुनाथ सिंह ने जीत हासिल की थी। वहीं 1962 में चुनाव में छपरा से कांग्रेस की टिकट पर सुंदरी देवी ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था।1967 में भारतीय जनसंघ के कैंडिडेट ए एन सिंह को जीत मिली थी। 1969 में छपरा सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर जनक यादव ने जीत हासिल किया था। 1972 के चुनाव में भी छपरा सीट पर जनक यादव ने कांग्रेस की टिकट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखा था। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर मिथिलेश कुमार सिंह ने जीत का परचम लहरा दिया था।
1980 में जनता पार्टी के कैंडिडेट जनक यादव ने छपरा के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल किया था। 1985 में निर्दलीय कैंडिडेट जनक यादव ने छपरा में एक बार फिर विरोधियों को मात दे दिया था। 1990 के चुनाव में छपरा सीट से उदित राय ने जनता का समर्थन हासिल किया था। 1995 में यहां से जनता दल के टिकट पर उदित राय ने एक बार फिर से जनता का भरोसा हासिल कर लिया था। 2000 के चुनाव में उदित राय ने आरजेडी के टिकट पर एक बार फिर जनता का समर्थन हासिल कर लिया है। 2005 में जेडीयू के टिकट पर रामप्रवेश राय ने छपरा सीट से विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। 2010 में बीजेपी के टिकट पर छपरा सीट पर जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने जीत हासिल किया था। 2015 और 2020 में बीजेपी कैंडिडेट सी एन गुप्ता ने विरोधियों को मात देकर जीत हासिल किया था।
एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में छपरा सीट पर बीजेपी कैंडिडेट सीएन गुप्ता ने जीत का परचम लहराया था। सी एन गुप्ता को 75 हजार सात सौ 10 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट रणधीर कुमार सिंह 68 हजार नौ सौ 39 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से सी एन गुप्ता ने रणधीर कुमार सिंह को छह हजार सात सौ 71 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट सुनील कुमार छह हजार 62 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में छपरा सीट से बीजेपी कैंडिडेट सी एन गुप्ता ने जीत हासिल की थी। सी एन गुप्ता को 71 हजार छह सौ 46 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट रणधीर कुमार सिंह को 60 हजार दो सौ 67 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से सी एन गुप्ता ने रणधीर कुमार सिंह को 11 हजार तीन सौ 79 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट उदित राय, 5 हजार सात सौ सात वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में छपरा सीट से बीजेपी कैंडिडेट जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने जीत हासिल की थी। जर्नादन सिंह सिग्रीवाल को 61 हजार 45 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट परमेंद्र रंजन सिंह ने 25 हजार एक सौ 74 वोट हासिल किया था। इस तरह से जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने परमेंद्र रंजन सिंह को 35 हजार आठ सौ 71 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट सुभाष राय, 7 हजार छह सौ 26 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में छपरा सीट से जेडीयू कैंडिडेट रामप्रवेश राय ने जीत हासिल की थी। रामप्रवेश राय को 40 हजार तीन सौ 71 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट उदित राय को 36 हजार चार सौ 73 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से रामप्रवेश राय ने उदित राय को 3 हजार आठ सौ 98 वोट के कम अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट रामबाबू राय, 7 हजार सात सौ 71 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
छपरा विधानसभा सीट को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव का गढ़ माना जाता है लेकिन पिछले दो चुनावों से यहां पर बीजेपी उम्मीदवार ने जीत हासिल कर आरजेडी को बड़ा धक्का दिया है। छपरा सीट पर यादव और राजपूत वोटरों की संख्या 36 फीसदी के करीब है जबकि, मुस्लिम वोटर 10 फीसदी के आसपास हैं। क्या तेजस्वी यादव अपने पिता के गढ़ को फिर से जीतने में सफल होंगे या नहीं इस पर पूरे बिहार की निगाहें टिकी हुई है।