सीमावर्ती क्षेत्रों से 100 से ज्यादा लड़कियां गायब, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला; याचिका दायर
Tuesday, Dec 02, 2025-10:27 AM (IST)
Bihar News: सीमा क्षेत्रों में मानव तस्करी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और लड़कियों के गायब होने की घटनाएं अब बड़े पैमाने पर सामने आ रही हैं। इसी बीच विगत छह माह के अंदर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से 100 से ज़्यादा लड़कियों के गायब होने का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है।
दो अलग-अलग याचिका दायर
मामले में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दायर की है। उन्होंने बताया कि अपने देश के अलावा नेपाल, चीन, ब्राजील, सऊदी अरब में करोड़ों में 'बेटियां' बेची जा रही है। मोतिहारी से सटे भारत-नेपाल बॉर्डर वाले क्षेत्रों में इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वाले तस्कर काफ़ी संख्या में सक्रिय हैं। अधिवक्ता झा ने कहा कि जुलाई महीने में रक्सौल से 10, रामगढ़वा से 3, आदापुर से 4, अगस्त महीना में रक्सौल अनुमंडल के भेलाही, कौड़ीहार सहित विभिन्न स्थानों से 18, सितम्बर माह में पूरे अनुमंडल के विभिन्न स्थानों से एक विवाहिता सहित 17, अक्टूबर माह में 15 और नवंबर माह में 15 सहित कुल 83 लड़कियां गायब हुई हैं।
6 माह में सीमा क्षेत्र से 100 से अधिक लड़कियां गायब
नशा कारोबारियों द्वारा लड़कियों का इस्तेमाल नशीले पदार्थ की तस्करी में किया जाता है। इसके अलावा भारत के जम्मू-कश्मीर, पांडिचेरी, चीन, सऊदी अरब, दुबई समेत गल्फ कंट्री, अर्जेंटीना जैसे देशों में शादी कराकर बच्चा पैदा करने, 'जेनरेशन चेंज' कराने, बच्चे को दूध पिलाने तथा देह व्यापार जैसे कायों के लिए भी लड़कियों को फंसाकर विदेश भेज दिया जाता है। शादी तथा बॉडी पार्ट्स की खरीद-फरोख्त के लिए भी लड़कियों की बड़े पैमाने पर विदेशों में तस्करी किए जाने का खुलासा हुआ है। 6 माह में सीमा क्षेत्र से 100 से अधिक लड़कियां गायब हो चुकी हैं। बॉर्डर पर सक्रिय अपने देश के अलावा नेपाल, चीन, ब्राजील, सऊदी अरब आदि देशों के मानव तस्करों के सिंडिकेट इन लड़कियों को ऊंचे मूल्य पर बेच कर लाखों-करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाते हैं।
लड़कियों में चार लड़कियां एक ही परिवार की
पिछले दिनों इनमें से महज एक दर्जन लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था,शेष अब भी लापता हैं। रेस्क्यू की गई लड़कियों में चार लड़कियां एक ही परिवार की थी। लगातार ऐसी घटनाओं के घटने से बॉर्डर क्षेत्र के परिजनों के बीच डर और खौफ का माहौल व्याप्त है। विदित हो कि मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा द्वारा राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दायर की गई है। मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने कहा कि यह मामला काफी संवेदनशील व मानवता को शर्मसार करने वाला है। साथ ही यह पुलिस की कार्यशैली और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़ा करता है। झा द्वारा आयोग से मामले में उच्चस्तरीय जाँच की मांग भी की गई है।

