बिहार में अश्लीलता फैलाने को माफ नहीं करेगी पुलिस, DGP विनय कुमार का बड़ा ऐलान
Tuesday, Mar 18, 2025-06:47 PM (IST)

पटना: बिहार पुलिस मुख्यालय में आयोजित संवादात्मक सत्र 'उड़ान' में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को लेकर बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार ने साफ कहा कि अश्लीलता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इसे रोकने के लिए समाज को एकजुट होकर आगे आना होगा। कार्यक्रम में बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहीं, जिन्होंने भोजपुरी गानों में बढ़ती अश्लीलता पर कड़ा विरोध जताया और इसे बिहार की बदनामी का कारण बताया।
"अश्लीलता के खिलाफ महिलाएं खुद उठाएं आवाज" – DGP विनय कुमार
कार्यक्रम में बोलते हुए DGP विनय कुमार ने कहा कि समाज में बढ़ती अश्लीलता पर रोक लगाने के लिए सिर्फ कानून पर्याप्त नहीं, बल्कि समाज की मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने तिलक समारोहों में बजने वाले भोजपुरी के अश्लील गानों का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि महिलाएं खुद आगे आकर विरोध करें, तो ऐसी चीजें बंद हो जाएंगी। उन्होंने अपील की कि महिलाएं न केवल अपने घर में इस पर प्रतिबंध लगाएं बल्कि समाज में भी इसके खिलाफ मुखर हों।
DGP ने कहा कि परवरिश की अहम भूमिका होती है और बच्चों के हाथ में मोबाइल देने से पहले माता-पिता को उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। राज्य में 27 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी कार्यरत हैं और जल्द ही यह संख्या और बढ़ेगी। बिहार के हर जिले में महिला थाना कार्यरत हैं, जो देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है।
"अबसे न देखेंगे, न सुनेंगे अश्लील गाने" – नीतू चंद्रा
बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि अश्लील गानों के कारण बिहार की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने सभी से अपील की – "अबसे ऐसे गाने न देखेंगे, न देखने देंगे, न सुनेंगे, न सुनने देंगे।" उन्होंने कहा कि बिहार की संस्कृति बेहद समृद्ध है, लेकिन अश्लील भोजपुरी गानों के कारण महिलाओं को शर्मिंदगी महसूस होती है।
नीतू चंद्रा ने बिहार पुलिस की महिला पुलिसकर्मियों से आग्रह किया कि वे अपनी उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि देश और दुनिया को बिहार की असली ताकत दिखे। उन्होंने बिहार पुलिस के 'Weaker Section' (कमजोर वर्ग) डिवीजन का नाम बदलकर 'Stronger Section' (सशक्त वर्ग) रखने की सलाह दी।
बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से हो रहा है काम
कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) अमित जैन ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए सरकार और पुलिस दोनों सक्रिय हैं। डायल 112 सेवा से लेकर महिला हेल्पलाइन तक हर स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने महिला थानों के लिए 550 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
"महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी होना जरूरी" – DIG हरप्रीत कौर
विशेष शाखा की DIG हरप्रीत कौर ने कहा कि महिलाओं का फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट (आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर) होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही महिला सशक्तिकरण की असली चाबी है। जब तक महिलाएं अपने अधिकारों को नहीं जानेंगी, वे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाएंगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की परवरिश में माता-पिता की भूमिका सबसे अहम होती है, क्योंकि घर का माहौल ही उनकी सोच को प्रभावित करता है।
"महिला सुरक्षा सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, पूरे समाज की भागीदारी जरूरी"
गृह विभाग की ADG/विशेष सचिव केएस अनुपम ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार ने कई कड़े कानून बनाए हैं, लेकिन समाज की सोच नहीं बदली तो बदलाव संभव नहीं। उन्होंने कहा कि हर लड़की को 'उड़ने' का सपना देखना चाहिए और इसके लिए समाज को भी उनकी उड़ान का समर्थन करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में महिला पुलिसकर्मियों ने नीतू चंद्रा से सवाल-जवाब भी किए और अपनी जिज्ञासाएं साझा कीं।