"नीतीश कुमार की अब उम्र हो गई हैं, वे हम जैसों को कमान सौंप दें", मुकेश सहनी ने दी मुख्यमंत्री को सलाह
Wednesday, Sep 25, 2024-12:58 PM (IST)
दरभंगा: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को आराम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नई पीढ़ी के लोगों को यानी हम जैसों को कमान सौंप देनी चाहिए।
नीतीश कुमार की अब उम्र हो गई है- मुकेश सहनी
दरअसल, मुकेश सहनी ने बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की कविता का हवाला देते हुए कहा कि यह सही है कि हर व्यक्ति की एक उम्र होती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार को चला रहे हैं। अब उनकी उम्र हो गई है। आप देखिए कि हाल में वे खूब ऐसे भाषण दे रहे हैं, जिसमें वे ऐसी बातें कह रहे हैं, जो बिहार और देश के लोगों को पसंद नहीं आ रही हैं। उम्र के कारण वे कई बातें भूल जाते हैं। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नई पीढ़ी के लोगों यानी हम जैसे लोगों को कमान सौंप देनी चाहिए। उन्हें सुखद अंत के साथ रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। निश्चित रूप से एक निश्चित उम्र के बाद सत्ता अगली पीढ़ी को सौंप देनी चाहिए। अशोक चौधरी ने जो बातें लिखी हैं, सही लिखी हैं।
....बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए- अशोक चौधरी
बता दें कि मंत्री अशोक चौधरी ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर एक कविता शेयर की थी, उस कविता को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज बताया जा रहा है। चौधरी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘‘बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए। एक दो बार समझाने से अगर कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, ‘छोड़ दीजिए'। उन्होंने कहा, ‘‘बच्चे बड़े होने पर वो खुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए। गिने-चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, अगर एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, छोड़ दीजिए। एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, छोड़ दीजिए।''
मंत्री ने पोस्ट में कहा था, ‘‘अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, छोड़ दीजिए। अगर इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, छोड़ दीजिए। हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, छोड़ दीजिए। बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, छोड़ दीजिए। उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना, छोड़ दीजिए।''