मंगल पांडेय ने "विश्व मृदा दिवस" पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम का किया उद्घाटन, किसानों को संतुलित उर्वरक प्रयोग की दी सलाह
Thursday, Dec 05, 2024-05:22 PM (IST)
पटनाः बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने आज विश्व मृदा दिवस के अवसर पर बामेती, पटना में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान मंत्री ने कहा कि हम वर्षों से मिट्टी का अत्यधिक दोहन कर रहे हैं और इसका प्रभाव साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। वे बताते हैं कि हमारे पूर्वज खेती के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए भी कई उपाय करते थे, जैसे गोबर की खाद का उपयोग, फसल अवशेष को खेतों में पलटना और हरी खाद का प्रयोग करना।
'राज्य में 38 जिला मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत'
मंत्री ने कहा कि आज की मांग है कि हम कम लागत में गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त करें, जिससे किसानों की आय बढ़े और साथ ही पर्यावरण संतुलन भी बना रहे। उन्होंने बताया कि बिहार में मिट्टी जांच की शुरुआत 1955 में हुई थी, और अब राज्य में 38 जिला मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5 लाख मिट्टी नमूनों की जांच का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 4.17 लाख नमूने एकत्र किए जा चुके हैं और 2.87 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किए गए हैं।
कृषि मंत्री ने किसानों से की ये अपील
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे संतुलित उर्वरक का उपयोग करें और खेतों में फसल अवशेष न जलाएं, ताकि मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे। साथ ही, उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रखंड और पंचायत स्तर पर किसानों को इस बात के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि हम सभी को यह समझना होगा कि मिट्टी का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तभी हमारे खेतों से अच्छी उपज प्राप्त होगी। संतुलित उर्वरक प्रयोग से ही हम अपनी मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रख सकते हैं।