खादी हमारी सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और स्वदेशी होने का परिचायक है; रांची में बोले CM हेमंत
Monday, Jan 08, 2024-10:04 AM (IST)
Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि खादी सिर्फ एक पहनावा मात्र नहीं है, यह हमारी सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और स्वदेशी होने का परिचायक है। सोरेन ने बीते रविवार को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में 'राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव 2023-24' का उद्घाटन करते हुए कहा कि हम सभी इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि खादी के साथ महान शख्सियत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम जुड़ा है, जिन्होंने देश-दुनिया में खादी को अलग पहचान दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे में हम सभी को खादी से जुड़ने की जरूरत है, ताकि हम अपनी पारंपरिक ग्रामीण और स्वदेशी व्यवस्था को और मजबूत करते हुए आगे ले जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भौतिकवादी युग और तकनीक का जमाना है। मशीनों के साथ हम जी रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी अपनी परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। खादी एवं सरस महोत्सव का आयोजन इसी कड़ी का एक हिस्सा है, जिसके जरिए हम अपनी ग्रामीण-देसी पारंपरिक और पूर्वजों की व्यवस्था को संजोये हुए हैं और आज की पीढ़ी को उससे अवगत करा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि जमाना चाहे जितना आगे बढ़ जाए, लेकिन हमारे देश और राज्य में आज भी ग्रामीण तथा स्वदेशी व्यवस्था की अहमियत बरकरार है। खादी जैसा ग्राम उद्योग इसी का एक उदाहरण है।
सीएम ने कहा कि गांव-देहात की ऐसी व्यवस्थाओं को हमें हर हाल में आगे ले जाना है और इसके लिए इससे जुड़ी चुनौतियों को निपटना होगा। यह सिर्फ सरकार के स्तर पर संभव नहीं है, इसके लिए हर व्यक्ति को पहल करनी होगी।