कोडरमा में बोले CM हेमंत- गांव मजबूत होंगे तभी झारखंड मजबूत होगा
Wednesday, Dec 06, 2023-11:57 AM (IST)
Koderma: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने गांव को मजबूत करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि राज्य के गांव जब मजबूत होंगे तभी प्रदेश मजबूत होगा। सोरेन ने बीते मंगलवार को कोडरमा में ‘आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में है, गांव मजबूत होंगे तभी राज्य मजबूत होगा। उन्होंने कोडरमा और गिरिडीह के अभ्रक उद्योग पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अभ्रक को लेकर पॉलिसी बनाई, काम भी आगे बढ़ा, लेकिन कुछ लोगों ने हवा दे दी कि इसमें यूरेनियम का अंश है। अब इसकी जांच चल रही है। कुछ लोग है जो अभ्रक खदान से जुड़ी समस्याओं का निदान नहीं चाहते हैं। केवल दूसरे माध्यम से जेब भरने में लगे हैं। तमाम अड़चनों के बावजूद सरकार इस समस्या का भी हल निकालेगी।

"किसान विरोधी काला कानून के खिलाफ दिल्ली में 1 साल तक आंदोलन चला"
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्यक्रम का तीसरा चरण चल रहा है। शिविरों के माध्यम से गांव और दूरदराज के इलाकों में किस तरह की समस्या है, इसका पता चलता है।

पदाधिकारी और कर्मचारियों के माध्यम से इसका पता नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि पहले शिविर में 35 लाख और दूसरे में 55 लाख आवेदन मिले। एक करोड़ आवेदन आए, मतलब पूर्व की सरकार में ना अधिकारी और ना ही कर्मचारी काम करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे राज्य में कोई असहाय वृद्ध या विधवा महिला बिना पेंशन के नहीं है। रोटी, कपड़ा और मकान सबको चाहिए।

कोरोना महामारी भी देखा और सूखाड़ भी देखा, पर ऐसी स्थिति में भी एक भी व्यक्ति को राज्य में भूख से नहीं मरने दिया। झारखंड की पहचान है- जल, जंगल, जमीन, लेकिन विकास के नाम पर पर्यावरण पर इतने अत्याचार हो रहे हैं कि परिणाम किसानों को झेलना पड़ रहा है। किसान विरोधी काला कानून के खिलाफ दिल्ली में एक साल तक आंदोलन चला। कानून लागू होता तो किसान दिखाई नहीं देता। कुछ षड्यंत्रकारी देश के अन्नदाता को ही मार देना चाहते हैं।

"पूर्व की सरकारों ने 20 सालों तक राज्य को बीमार बना रखा था"
सोरेन ने केंद्र सरकार की योजना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह दो कमरों का आवास मुर्गी खाना देते थे, उनकी सरकार तीन कमरों का इंसान के रहने का आवास दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने 20 सालों तक राज्य को बीमार बना रखा था, लेकिन बीते तीन वर्षों में स्थिति सुधरी है। अब झारखंड पिछड़ा राज्य नहीं रहेगा। सोरेन ने कहा कि विपक्षी अड़ंगा लगाते रहें, वह अपना काम करते रहेंगे। यहां के युवाओं को लगातार नौकरी दे रहे हैं और आगे भी देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कई योजनाएं चला रही है।
कई योजनाएं शुरू करने वाली है, लेकिन इसमें आर्थिक समस्या आड़े आती हैं। झारखंड का कोयला रायल्टी मद का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये केंद्र के पास बकाया है। यदि इतने पैसे मिल जाते तो यहां के 50 लाख गरीबों को आवास, 15-20 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए 10-10 लाख रुपये का ऋण मिल जाता, इस पैसे से 10 लाख सरकारी पदों पर बहाली भी करते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) का 12 हजार करोड़ बकाया है तो बिजली काटनी शुरू कर दी, लेकिन अब झारखंड सरकार एक-डेढ़ साल में जिलों में खुद बिजली संरचना तैयार करेगी और कोडरमा समेत कई जिलों के गांवों में बिजली नहीं कटेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद पदाधिकारी और कर्मी गांव नहीं जाते थे, लेकिन अब समय बदल गया है। अधिकारियों और कर्मियों को योजनाओं की गठरी लेकर आपके दरवाजे तक भेजा जा रहा है। इस गठरी से आम आदमी अपनी जरूरत की योजना को ले सकता है।

