पिछले 4 दशक से बिहार की राजनीति का केंद्र बने रहे रामविलास; लालू, शरद और नीतीश भी कम नहीं

Saturday, Oct 10, 2020-05:22 PM (IST)

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, लालू यादव और शरद यादव पिछले 4 दशक से बिहार की राजनीति का केंद्र बने रहे हैं। इनमें से नीतीश कुमार और शरद यादव ने इंजीनियरिंग पास की है। जबकि रामविलास डीएसपी बने और लालू क्लर्क रहे। वहीं इन चारों ने राजनीति में कदम रखा।

राजनीति में सबसे बड़े रामविलास पासवान थे। 5 जुलाई 1946 को पैदा हुए पासवान ने लॉ की डिग्री हासिल की और 1969 में राज्य सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के बाद डीएसपी बन गए। लेकिन उन्होंने राजनीति में आना था। 1969 में रामविलास ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और 23 साल की उम्र में विधायक बन गए। जीवन में 11 चुनाव लड़ चुके पासवान को 9 बार विजय मिली। 2 बार राज्यसभा के लिए चुने गए और खुद को राष्ट्रीय राजनीति में बनाए रखा। 70 के दशक में ही लालू-पासवान-शरद की जोड़ी काफी मशहूर हो गई थी।

वहीं शरद यादव और लालू यादव का पासवान के साथ गहरा तालमेल 70 के दशक से है। बीच में लालू और शरद राजनीति में एक दूसरे के विपरीत ध्रुव पर चले गए थे। तब लालू और उनके प्रभुत्व को बिहार की राजनीति में कमजोर करने के लिए शरद यादव ने अपने राजनीतिक शिष्य नीतीश कुमार का सहारा लिया था। समता पार्टी का जद(यू) में विलय करवाया और 2005 के विधानसभा चुनाव में बिहार की सत्ता पर विजय पाई। तब से नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री हैं।

बता दें कि रामविलास ने अपना उत्तराधिकार बेटे चिराग को दे दिया है। लालू प्रसाद ने जेल जाने से पहले उत्तराधिकार पत्नी राबड़ी देवी को दिया था। उन्हें मुख्यमंत्री और राजद का अध्यक्ष तक बनवाया था। अब यह उत्तराधिकार उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के पास है। नीतीश कुमार अपने बेटे और परिवार को राजनीति में नहीं लेकर आए। उनका उत्तराधिकार तय होना है। शरद यादव ने भी अभी तक किसी को अपना उत्तराधिकार नहीं दिया है।


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Nitika

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