झारखंड की महिलाओं की बल्ले-बल्ले, मंईयां सम्मान योजना के तहत दिसंबर से मिलेंगे 2,500 रुपये
Friday, Nov 29, 2024-10:49 AM (IST)
रांची: दिसंबर से मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी के बैंक खाते में 2,500 रुपये हर महीने जमा किए जाएंगे। इसकी जानकारी खुद हेमंत सोरेन ने दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने पहले ही निर्णय लिया था कि दिसंबर से इस योजना के तहत प्रत्येक महिला लाभार्थी को 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अब दिसंबर से हर महीने महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में यह राशि जमा की जायेगी।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय ‘मंत्रिमंडल की बैठक' में लिया गया, लेकिन दिन में किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली। बाद में मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में यह भी कहा गया कि यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। सोरेन ने मंत्रिमंडल की अपनी पहली बैठक के निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘असम में झारखंड की जनजातियों को हाशिए पर रखा जा रहा है। वहां बड़ी संख्या में झारखंड के मूल निवासी रह रहे हैं। हमने निर्णय लिया है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वहां की जमीनी स्थिति का अध्ययन करेगा। प्रतिनिधिमंडल झारखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।'' मंत्रिमंडल ने राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए नए स्रोत ढूंढने तथा खनन क्षेत्र में लागू पुराने करों में वृद्धि करने के लिए वित्त विभाग में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली मंत्रिमंडल ने पुलिस भर्ती के लिए भविष्य की परीक्षा प्रक्रिया की समीक्षा करने का भी फैसला किया और जेपीएससी, जेएसएससी और अन्य प्राधिकार को सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए जनवरी 2025 से पूर्व एक परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्देश दिया।
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार ने इस वर्ष अगस्त में यह योजना शुरू की थी जिससे राज्य की 50 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुईं। चुनाव विश्लेषकों के अनुसार हाल में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘इंडिया' गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में मंईयां सम्मान योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंत्रिमंडल ने असम के चाय बागान में कार्यरत झारखंड मूल के जनजातीय समूह की दशा एवं उन्हें भविष्य में दी जाने वाली सुविधा के अध्ययन के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के गठन को मंजूरी दी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बांग्लादेश से मुसलमानों की कथित तौर पर बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण झारखंड के आदिवासी समुदाय की ‘‘दुर्दशा'' का मुद्दा बार-बार उठाया था। शर्मा झारखंड के लिए भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी थे।