यह आम नहीं बल्कि खास बजट है जिसमें प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाने वाले बजट की दिखती है झलक: JMM
Wednesday, Jul 24, 2024-11:48 AM (IST)
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि आर्थिक बजट का आम बजट पेश किया गया, लेकिन यह बजट आम लोगों का नहीं खास लोगों का बजट है और यह बजट पूर्णतया प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाओ या सत्ता बचाओ योजना के अंतर्गत आया है।
सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि यह देश का बजट कतई नहीं है। इस बजट से पूरी तरह से प्रतीत हुआ कि केंद्र की सत्ता अपनी स्थिरता के लिए डरी और सहमी हुई है कि उसे आंध्र प्रदेश को विशेष लाभ पहुंचाना है साथ-साथ बिहार को, थोड़ा बहुत ओडिशा के लिए और लगता है कि बाकी के 27 राज्य अब इस देश में नहीं हैं। सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में कितने रोजगार सृजन होता है इसकी कोई कल्पना नहीं की गई। महंगाई पर कोई बातें नहीं हुई। मिडिल क्लास जो थोड़ा बहुत बचत करते है जो शेयर बाजार में या फिर म्यूचुअल फंड में लगाते थे। लोगों के पैसे डूब गए।
सुप्रियो ने कहा कि जिस प्रकार से मुद्दे विहीन होकर भारतीय जनता पार्टी ने केवल और केवल सांप्रदायिक बातें की उसी का यह झलक दिखता है। बजट को 09 वर्गों में बांटकर हाईलाइट किया गया है। सबसे ऊपर एग्रीकल्चर को रखा गया, लेकिन 2019-20 फाइनेंशियल ईयर में एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए 6.5% बजट का हिस्सा हुआ करता था आज वह घटकर 3.9% पर आ गया।
सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि एमएसपी की कोई चर्चा नहीं हुई जिससे पेट भरा जाता है। उस पर कोई बातें नहीं केवल फल और सब्जी पर बातें हुई। दूसरा बिंदु जो अपॉइंटमेंट का था यानी रोजगार का। कल हम लोगों ने देखा था कि आर्थिक सर्वेक्षण जब पेश हुआ तो देश का बेरोजगारी दर केंद्र सरकार ने 3.2% बताया, लेकिन सरकार की संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इन इंडियन इकोनामी जो बैंक ऑफ इंडिया को भी रिपोर्ट करता है उसका आंकड़ा कुछ और था।