झारखंड के राशन कार्ड धारक हो जाएं तैयार! मानसून से पहले मिलेगा 3 महीने का आगामी राशन; मंत्री इरफान अंसारी ने किया ऐलान
Tuesday, May 13, 2025-01:59 PM (IST)

Irfan Ansari News: झारखंड के के स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि गरीबों और जरूरतमंदों के हितों की रक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि आगामी मानसून और संभावित बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले में विभाग ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
1 जून से 30 जून तक राशन वितरण के आदेश जारी
विभाग ने राज्य के 2.88 करोड़ राशन काडर्धारी लाभुकों को जून, जुलाई और अगस्त—तीनों माह का राशन एक साथ दिया जाएगा ताकि आपदा के समय भी कोई भूखा न सोए। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद, राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए 1 जून से 30 जून तक राशन वितरण के आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने सभी जिला प्रशासन को निर्देशित किया है कि वितरण कार्य में कोई भी लापरवाही न हो और लाभुकों को समय पर व सुरक्षित ढंग से राशन प्राप्त हो।
"गरीबों के साथ अन्याय किसी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे"
डॉ. अंसारी ने स्पष्ट कहा है कि गरीबों के साथ अन्याय किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह हेमंत सोरेन की संवेदनशील सरकार है और हम जवाबदेही के साथ काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि वह खुद वितरण कार्यों की निगरानी करेंगे और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कारर्वाई की जाएगी। मंत्री ने सभी डीएसओ, एफसीआई अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया है, जिसमें तीन माह के अनाज का संग्रह, गोदामों की उपलब्धता, लॉजिस्टिक व्यवस्था, एवं राशन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर ठोस निर्णय लिए जाएंगे। विशेष निर्देश दिए गए हैं कि अनाज कहीं भी सड़े-गले नहीं और हर लाभुक को सही मात्रा और गुणवत्तापूर्ण राशन मिले।
"लोगों का विश्वास हमारे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार"
विभाग हर प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूरी मुस्तेदी के साथ तैयार है। आपूर्ति शृंखला को मजबूत किया जा रहा है, ताकि किसी भी स्थिति में गरीबों को राहत पहुंचाने में देरी न हो। डॉ. अंसारी ने कहा कि हमारा हर कदम गरीबों की भलाई के लिए है। हम 24 घंटे जनता की सेवा में लगे हैं। लोगों का विश्वास हमारे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है और हम उसे टूटने नहीं देंगे।'राज्य सरकार का यह निर्णय न केवल राहत पहुंचाने वाला है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि झारखंड में गरीबों की सरकार है—सजग, संवेदनशील और समर्पित।